पशु अनुसंधान केन्द्रों की कार्य समीक्षा बैठक
पशु फार्मों की उत्पादकता बढ़ाने हेतु दिये दिशा निर्देश
बीकानेर, 21 अक्टूबर। वेटरनरी विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय के अर्न्तगत कार्यरत पशु अनुसंधान केन्द्रों की कार्ययोजना एवं प्रगति की समीक्षा बैठक गुरूवार को कुलपति प्रो. सतीश के.गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित की गई। कुलपति प्रो. गर्ग ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य की 6 प्रमुख देशी गौवंश राठी, थारपारकर, गीर, साहीवाल, कांकरेज एवं मालवी उन्नत नस्लों के अनुसंधान केन्द्र वेटरनरी विश्वविद्यालय में स्थापित है जो कि हमारे लिए गर्व की बात है इन नस्लों के सरक्षंण एवं उन्नयन हेतु विश्वविद्यालय निरन्तर प्रयासरत रहा है। कुलपति प्रो. गर्ग ने सभी पशु अनुसंधान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी केन्द्रों पर उन्नत सांडो के सीमन का उपयोग कर कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देना होगा। पशु अनुसंधान केन्द्रों पर कम उत्पादकता वाले पशुओं को समय-समय पर निलामी कर फार्मो के उत्पादन स्तर को बढ़ावा देना होगा। कुलपति ने सभी प्रभारी अधिकारियों को पशु अनुसंधान केन्द्रों पर उपलब्ध भूमि का समुचित उपयोग, पशुचारा उत्पादन को बढ़ाने, उन्नत पशुशाला प्रबन्धन द्वारा पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने एवं विभिन्न मदों के तहत जारी बजट राशि का समुचित उपयोग करने हेतु निर्देश दिये। समीक्षा बैठक में पशु अनुसंधान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों द्वारा अवगत करवाई गई विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु भी सुझाव दिये गये। बैठक में पशु अनुसंधान केन्द्र बीकानेर, कोडमदेसर, बीछवाल, चांँदन, नोहर, बल्लभनगर, बोजुंदा, डग एवं सरमथुरा के प्रभारी अधिकारियों ने अनुसंधान केन्द्रों के प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। बैठक में कुलसचिव अजीत सिंह राजावत, वित्तनियंत्रक डॉ. प्रताप सिंह पूनिया, अनुसंधान निदेशक प्रो. हेमन्त दाधीच सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी मौजुद रहे।
वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा
गाढ़वाला में पशुपालकों ने सीखा वैज्ञानिक बकरी प्रबंधन
आत्मा योजनांतगर्त 30 पशुपालकों का बकरी पालन पर प्रशिक्षण
बीकानेर, 21 अक्टूबर। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोसिबिलिटी के तहत कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “उन्नत बकरी पालन एवं प्रबंधन“ विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्राम गाढ़वाला में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोसिबिलिटी के तहत गोद लिए गांव गाढ़वाला के 30 पशुपालक शामिल हुए। समापन अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने कहा कि बकरी पालन व्यवसाय तेजी से आगे से बढ़ रहा है तथा विशेषकर युवा इस व्यवसाय की ओर अग्रसर हो रहे हैं। वैज्ञानिक तरीके से पशुपालक बकरी पालन कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। प्रशिक्षण के दौरान बकरी पालन का आर्थिक महत्व, प्रमुख रोग एवं उपचार, बकरियों का आवास प्रबंधन, टीकाकरण, कृमिनाशन, उननत पोषण एवं प्रमुख नस्लों पर विषय विशेषज्ञ डॉ. दीपिका धूड़िया, डॉ. मोहन लाल, डॉ. अरूण कुमार झीरवाल, डॉ. विरेन्द्र कुमार, डॉ. अमित कुमार, डॉ. मंगेश कुमार और डॉ. नरेन्द्र सिंह द्वारा जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया और विजेताओं को प्रथम मोहन लाल, द्वितीय सुखाराम एवं तृतीय जोधाराम को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गये। यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोसिबिलिटी के समन्वयक डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया।