सत्य साधना के प्रणेता जंगम युग प्रधान वृहद् भट्टराक खरतरगच्छाधिपती श्रीपूज्य जी श्री जिन चंद्र सुरि जी महराज साहब के परम पावन सानिध्य में जन्मोत्सव के अवसर पर नाल गांव स्थित कुशल विद्यापीठ कुशलायतन नाल के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। गुरु भक्त भाई श्री पिंटू स्वामी एवं तबला वादक श्री गुलाम हुसैन द्वारा गुरु भक्ति के भजनों की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर मुमुक्षुणी अंजलि राखेचा द्वारा अपने शब्दों को स्वरों का रूप देकर जन्मोत्सव की बधाई दी गई । मुमुक्षु विकास चोपड़ा ने गुरु की महिमा को बताते हुए उनके उपकार के बारे में बताया । गुरुदेव के शिष्य यति श्री अमृत सुंदर जी महाराज साहब ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए उन्होंने बताया कि गुरु का सानिध्य देव गुरु और धर्म तीनों का समावेश होता है।
परम पूज्य गुरुदेव ने फरमाया कि अरिहंतो का मार्ग सत्य साधना का मार्ग है अपने भीतर के शत्रुओं का मिटाना है अरे होता है अरिहंत का मतलब यही होता है कि जिसने अपने भीतर के राग द्वेष को हटाना है।
इस अवसर पर बटुक भोजन यानी छोटे बच्चों को खाने के पैकेट का वितरण किया गया।
इस अवसर पर बीकानेर के गणमान्य गण एवं देश प्रदेश से आए अनेक अनेक भक्तों ने लाभ लिया। इस अवसर पर संस्था के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री सुरेंद्र डागा , कुशल विद्यापीठ की प्राचार्य श्रीमती अर्चना भार्गव मौजूद थे। आभार कुशल विद्यापीठ के सचिव श्रीमती शालिनी लोढ़ा ने माना। कार्यक्रम का संचालन श्रेयांश जैन ने कियाl