बीकानेर 28 अक्टूबर । राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा नालन्दा पब्लिक स्कूल में आयोजित त्रिआयामी साहित्यिक कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा का सम्मान किया गया । कार्यक्रम में नगर के कवियों ने रंगा के सम्मान में अपनी काव्य रचनाएं सुनाई ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि नगर के वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा ने साहित्य में तीन पीढ़ियों को संस्कारित किया है । उन्होंने कहा कि रंगाजी की 125 से अधिक पुस्तको का प्रकाशित होना गौरव का विषय है । जोशी ने रंगाजी की अप्रकाशित पुस्तकों को यथाशीघ्र प्रकाशित करने पर बल दिया । कार्यक्रम अध्यक्ष लेखक अशफ़ाक़ क़ादरी ने कहा कि रंगाजी ने हिंदी राजस्थानी साहित्य में प्रायः विधाओं पर सृजन ओर नये प्रयोग किये हैं । उन्होंने कहा कि रंगाजी की रचनाओं में मानवीय प्रेम और भाईचारा हिलोरें लेता है । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद ओम प्रकाश सारस्वत ने कहा कि रंगाजी राजस्थान के साहित्य जगत के चमकते नक्षत्र है । उन्होंने रंगाजी के राजस्थान के शैक्षिक आंदोलन में विशेष योगदान को रेखांकित किया । कार्यक्रम में सम्मानित साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रँगा ने अपने रचनाकर्म को साझा करते हुए कहा कि आज तीन पीढ़ियों को साहित्य जगत में सक्रिय देखकर सुकून की अनुभूति होती है ।
कार्यक्रम में कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने रंगाजी के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए अपनी रचना “ए रिश्ता झीणा झीणा रे” सुनाई । कार्यक्रम संयोजक बाबूलाल छंगाणी “बमचकरी” ने अपनी मर्मस्पर्शी रचना “म्हारी माँ” सुनाकर अभिभूत कर दिया । कार्यक्रम में कमल रँगा ने दीवाली,श्रीमती कृष्णा आचार्य ने “वही रसखान होगा”, नेमचंद गहलोत ने पिता की महिमा, पर रचना सुनायी। गिरिराज पारीक, कपिला पालीवाल, कैलाश टाक, नरसिंग महाराज ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की । कार्यक्रम में शिक्षा प्रबन्धक राजेश रँगा, नित्यानन्द पारीक ने सहभागिता का निर्वाह किया । कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि संगम एवं राष्ट्रीय कवि चौपाल द्वारा माल्यार्पण, शॉल, दुपट्टा ओढाकर रंगाजी का सम्मान किया गया । कवि नेमचंद गहलोत, श्रीमती कृष्णा आचार्य ने अपनी पुस्तकें भेंट की । प्रेरणा प्रतिष्ठान के अध्यक्ष प्रेम नारायण व्यास ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।