बीकानेर 18 अक्टूबर | मूक पशु-पक्षियों के दानें-पानी की व्यवस्था, उनकी देखभाल और मनुष्य को हेने वाले लाभ पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन आनन्द निकेतन में सद्भावना संगीत कला केंद्र की 131 वीं कड़ी में किया गया | गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ.अजय जोशी ने कहा कि कुछ उत्पादों में जानवरों का प्रयोग किया जाता है उन उत्पादों का बहिस्कार किया जाना चाहिए ताकि ये पशु मारे नहीं जाए | ये प्राणी मनुष्य को नुक्सान नहीं पहुंचाते बल्कि मानव मात्र की रक्षा करते हैं | ये प्यार के भूखे होते हैं | पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हैं | मुख्य अतिथि कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि इन निरीह पशु-पक्षियों की तरफ ध्यान देना हमारी संस्कृति का हिस्सा है | ईश्वर ने ऐसी रचना की है जिससे जीवन का समय चक्र आसानी से चलता रहता है | पशु-पक्षी हमारे लिए प्रकृति का उपहार है ये बचे रहेंगे तो मानव बचा रह सकता है | विशिष्ट अतिथी डॉ.नासिर जैदी ने कई उदाहरण देते हुए इस बात की पुष्टि की कि हमारे घर में आज भी गाय व कुत्ते हेतु पहली रोटी निकाली जाती है एवं छत पर चिड़ियों एवं कबूतरों हेतु दाने-पानी की व्यवस्था की हुई है | बेटियाँ खुदा की नेमत है | जिस घर में बेटियाँ होती है वह घर रोशन रहता है | मां-बाप की देखभाल आजकल ये बेटियाँ ही कर रही हैं | पशु-पक्षियों को मानव संरक्षण की आवश्यकता है | इस विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता डॉ.कृष्णा आचार्य ने कहा कि हमारी सनातन परम्परा में पशु-पक्षियों हेतु विशेष ध्यान रखा गया है | घर में बनने वाली पहली रोटी गाय एवं कुत्ते हेतु बनाई जाती थी | पक्षियों हेतु छत की मुंडेर पर दाना-पानी रखा जाता था | आज समय बदल गया है हम अपनी परम्पराओं को भूलने लग गए हैं, इस कारण मानव को प्रकृति के कई आघात झेलने पड़ रहे हैं | इतिहास बताता है कि बड़े-बुजुर्ग इन पक्षियों की टोह लेकर कई जानकारियां दे देते थे जो सच साबित होती थी | प्रोफेसर.नरसिंह बिन्नाणी, कथाकार एवं मंच संचालक संजय पुरोहित, कवि नेमचंद गहलोत, शिवलाल तेजी ने भी विचार व्यक्त किए |
दूसरे दौर में संगीत के कार्यक्रम में राजनारायण पुरोहित, इकरामूदीन कोहरी, दीपिका प्रजापत, प्रियालश्री, राजेश माली, वैष्णवी श्रीमाली, कमल श्रीमाली, एम.रफीक कादरी, शैलेन्द्र चौहान, राहुल जोशी, राघव स्वामी, लालचंद, मुकेश शर्मा, अहमद हारून कादरी, राजेश पांडे, महेश खत्री आदि इक्कीस कलाकारों ने गीतों की शानदार प्रस्तुतियां दी | संस्था की तरफ से इकरामूदीन ने सभी का आभार माना |