बीकानेर 19 अक्टूबर ।
समस्त जगत का विधाता अर्थात अल्लाह तआला जिसे अनगिनत नामों से दुनिया के लोग पुकारते हैं उसकी प्रशंसा, इबादत, पूजा अपने अपने तरीके से लोग करते हैं। उस विधाता ने इस दुनिया को बनाया और इंसान, जिन्न और विभिन्न प्रजातियों के जानवर इस दुनिया में पैदा किए। इंसानों को संवारने और सीधे रास्ते पर चलाने के लिए समय-समय पर अनेक पैगंबरों ( मैसेंजर )को दुनिया में भेजा जिन्होंने ईशवाणी के माध्यम से स्वयं सत्य के मार्ग पर चलकर लोगों को सीधी राह पर चलना बताया ।
पंद्रह सौ साल से अधिक उस समय के जमाने यानी (छठी शताब्दी) में जब दुनिया में घटा घोर अंधेरा छा गया था, मानवता को ताक में रखकर इंसान वहशी दरिंदा बन गया था । ताकतवर इंसान कमजोर इंसानों को तड़पा तड़पा कर मारने में अपनी बहादुरी समझने लग गया था, विधवाओं को मनहूस समझकर उनको काली कोठरी में बंद किया जाता और उन पर जुल्मों सितम के पहाड़ तोड़े जाते थे। बलात्कार, शराबखोरी, जुआ आम हो गया था । कबीलों में बदले की भावना से खून खराबा हो रहा था। अनाथ बच्चों का माल हड़पा जा रहा था तथा उनके घरों से बेदखल किया जा रहा था। बच्चियों को पैदा होते ही जिंदा दफन किया जा रहा था। औरतों का सरे बाजार सौदा हो रहा था। हर तरह के अत्याचार, नाइंसाफी, जंगलराज, अमानवीय व्यवहार चरम सीमा पर पहुंच चुका था। बदतर से बदतर हालात में अल्लाह ने आखिरी पैगम्बर (नबी ) हजरत मोहम्मद (सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम) को 20 अप्रैल 571 ईसवी सोमवार की सुबह भोर के समय अरब के मक्का शहर में माँ बीबी आमना (र.अ.) के यहां पैदा फरमाया। जिनके बारे में अल्लाह की किताब पवित्र कुरान मैं खुद अल्लाह ने फरमाया है कि हमने आपको समस्त जगत के लिए कृपालु व दयालु वह रहमत बनाकर भेजा( संदर्भ सूरह अंबिया) आपने ईशवाणी के माध्यम कुरान से दुनिया के लोगों को स्वयं सर्वप्रथम कर्म करके सत्य मार्ग पर चलना बताया।
जिससे प्रभावित उनके कर्मों से प्रभावित होकर विधवाएँ कहने लगी कि हमारा सहारा आ गया , अनाथ कहने लगे हमें पालने वाला आ गया, बच्चियों को जिंदगी मिल गई, बलात्कारियों के शिकंजे से औरतें आजाद होने लगी, शराब खाना के अड्डों पर ताले लग गए, घमंड करने वाले इतराने वाले जालिम सत्य मार्ग पर आ गए, पत्थर दिल इंसानों को आपने मोम करके मोहब्बत इंसानियत और इंसाफ पसंद बनाकर खौफनाक अंधेरों से निकालकर दुनिया को ऐसा उजाला दिखाया जिसकी कोई आज तक मिसाल नहीं मिल सकती है। पैगंबर को जान से, माल से, औलाद से और अपने अज़ीज़ोंकारीब से परेशान करने वालों को आपन फतेह मक्का के वक्त उनको(जालिमों )को आजाद कर दिया और कहा कि आज हम आप से कोई बदला नहीं लेंगे यह देख कर अरब के लोग आपके कायल हो गए, इससे साबित हो गया कि आप पूरी दुनिया के लिए दयालु और कृपालु बनकर आए। आवश्यकता इस बात की है कि पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम) की जीवनी को पढ़ा जाए और उस पर अमल करें तो दुनिया में चारों तरफ खुशहाली का बोलबाला हो जाएगा।
साभार
हाफिज बिशारत अली ।