बीकानेर, 15 नवम्बर । देव उठनी एकादशी पर रविवार को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के घर-घर व विभिन्न नाम व रूपों के देव मंदिरों में तुलसी का पूजन किया गया। अनेक महिलाओं ने एकादशी का व्रत रखा तथा तुलसी के पौधे को देवी व भगवान विष्णु के स्वरूप में शालिगरामजी के काले गोल पत्थर प्रतिमा को मानते हुए उसको भोग लगाया, कुमकुम चंदन से तिलक कर मोळी बांधी तथा ओढ़ना, ओढाकर मंगलमय जीवन की कामना की। घरों में तुलसीजी के पौधे के सामने व मुख्य द्वार के आगे दीपक की जलाएं।
मुरलीधर व्यास काॅलोनी में बाबा रामदेवजी व गणेशजी के मंदिर के पास सन्यास आश्रम मार्ग पर विजय किशन डांवर ने सत्पनीक विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण से तुलसी व शालिगारामजी का विवाह करवाया। महिलाओं ने गजानंदजी सहित विवाह के गीत गाएं तथा आमंत्रित अतिथियों का मिठाई आदि से सत्कार किया। तुलसी को चढ़ाई गए वस्त्र आभूषण, मेहंदी, सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री को ब्राह्मण-ब्राह््मणी को प्रदान कर उनका आशीर्वाद लिया। शहर के कई मंदिरों में तुलसी पौधे का पूजन व परिक्रमा का दौर रविवार को सुबह व शाम को हरजस व ओम नमो भगवते वासुदेवा आदि मंत्रों के साथ महिलाओं ने किया।