बीकानेर, 17 नवम्बर। जूनागढ़ की तीन-चार शताब्दी पुरानी फुलवारी की मुगल, बीकानेरी व चाइनीज मिक्स पेंटिंग को वरिष्ठ मिनिएचर कलाकार नए रूप् में नगर की शुद्ध बीकानेरी चित्रकला शैली को अपनाते हुए अनुकृृति कर रहे है। स्वामी ने यूनिसेफ के कार्ड में वनस्पति के चित्रों का चित्रांकन कर विश्व के अनेक देशों में बीकानेरी चित्रकला शैली के परचम को फैलाया।
स्वामी ने बताया कि जूनागढ़ के फूल सीरिज की पेंटिंग अभी तक किसी भी कलाकार ने पुनः नहीं बनाई। राजस्थानी बीकानेरी शैली व मुगल शैली की फूल सीरिज की पेंटिंग में कहीं-कहीं चाइनीज टच भी दृृष्टिगोचर होता है। रियाशतकाल के दौरान बीकानेर व्यापारिक मार्ग रहा है, देश-विदेश व्यापारियों के मार्ग से निकलने से वे अपने क्षेत्र की कला व संस्कृृति की छाप भी नगर में छोड़ गए थे। उन्होंने बताया कि अब तक उन्होंने 10 पेंटिंगों का चित्रांकन कर दिया है।
तीन गुणा चार इंच के हस्तनिर्मित कागज पर 17480 हरी पत्तियाँ बनाकर अपने आप में रिकार्ड बनाने वाले राज स्वामी की दो पेंटिंग जूनागढ़ परिसर के प्राचीना में 21 साल से दर्शकों को प्रभावित कर रही है। स्वामी ने बताया कि उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बीकानेरी चित्रकला शैली की पेंटिंग से प्रभावित होकर वनस्पति की ही पेंटिंग पर कार्य कर रहे है। पटनायक ने ’’गार्डन ऑफ़ लाईफ’’ पेंटिंग को विशेष तौर पर बनवाकर प्रदर्शित किया है।