बीकानेर 20 नवंबर। आज के दौर एवं वर्तमान परिस्थितियों में विश्व का रचनाकार अपनी सृजनात्मक भूमिका साहित्यिक योद्धा के रूप में निर्वहन कर रहा है। यही केन्द्रीय भाव बीकानेर साहित्य संस्कृति कला संगम और प्रज्ञालय संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शबनम साहित्य परिषद सोजत(पाली) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अब्दुल समद राही’ के सम्मान में स्थानीय होटल एम.आर. में ‘आज के दौर में वैश्विक परिदृश्य में हमारा सृजन दायित्व’ विषयक परिसंवाद में उभर कर सामने आया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सोजत के वरिष्ठ साहित्यकार वीरेंद्र लखावत ने कहा कि आज संकट के इस दौर में समाज में फैली नकारात्मकता और त्रासदी को पूरा विश्व भोग रहा है परन्तु पूरे विश्व का रचनाकार अपने सृजन दायित्व के माध्यम से इस नकारात्मकता व त्रासदी को सकारात्मक रूप देने में लगा है। उसके सामने नई घटना-प्रतिघटना, स्थिति-परिस्थिति को रेखांकित करने की चुनौती भी है |
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि-कथाकार कमल रंगा ने कहा कि आज के दौर में वैश्विक स्तर पर मानवीय पीड़ा, सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े नए-नए कथ्य को लेकर आज पूरे विश्व का रचनाकार वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार साहित्य-सृजन कर रहा है और मानवीय संवेदनाओं को स्वर दे रहा है। आपने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आज सोशल मीडिया के इस दौर में पूरी दुनिया के साहित्यकार एक दूसरे के साथ जुड़ाव महसूस कर रहे हैं।
परिसंवाद कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सोजत के वरिष्ठ शाइर रशीद ग़ौरी ने कहा कि आज हमें नई पीढ़ी के अन्दर ज़ियादा से ज़ियादा साहित्य के प्रति अभिरूचि पैदा करनी चाहिए। आज के दौर में नकारात्मकता हम पर हावी है। हमें इससे हर स्तर पर लडऩा होगा और अपने सृजन को समाज हित में रचना होगा।
परिसंवाद के मुख्य वक्ता वरिष्ठ शाइर-कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने कहा कि पूरे विश्व के सृजनधर्मियों ने एक नई सोच के साथ अपने दायित्व का निर्वहन किया है जबकि आज के समय में विडम्बनाओं और महामारी की भयावह स्थिति में भी रचनाकार आज के यथार्थ और मानवीय पीड़ा को शब्दों में पिरो रहे है |
परिसंवाद में सोजत सिटी से वरिष्ठ बाल साहित्यकार अब्दुल समद राही ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर जो परिस्थितियां बनी है और जो त्रासदीपूर्ण हालात हैं ऐसी त्रासदी के हालात में हर रचनाकार और अधिक संवेदनशील होकर आज के हालात को अपनी रचनाओं के माध्यम से आम पाठक तक पहुंचा रहा है।
इस महत्वपूर्ण परिसंवाद में बीकानेर एवं सोजत सिटी के अनेक प्रबुद्धजनों ने अपने विचार पेश किए जिनमें सोजत के समाजसेवी सत्तू सिंह भाटी एवं खेल प्रशिक्षक मुरलीधर जोशी के विचार भी सराहनीय रहे |
परिसंवाद के प्रारंभ में सभी आगंतुकों का स्वागत कवि गिरिराज पारीक ने किया | परिसंवाद में शाइर माजिद खान ग़ौरी, मुख्तियार अहमद बाबा ख़ान सहभागी थे। परिसंवाद का संचालन डॉ. फ़ारुक़ चौहान ने किया | अंत में सय्यद अनवर अली ने सभी का आभार जताया।