बीकानेर, 28 दिसम्बर। कामवन के पंचम पीठाधीश्वर जगद्गुरु गोस्वामी वल्लभाचार्यजी महाराज की निश्रा में पीठ के बीकानेर के आचार्यश्री विट्ठलनाथ बाबाजी (ब्रजांग बाबा) के नेतृृत्व में मंगलवार को वैष्णवाचार्यश्री गोस्वामी विट्ठल नाथजी के 507 वें प्राकट्य महोत्सव पर दाऊजी व श्रीराज रतन बिहारीजी मंदिर में तिलक आरती, जलेबी मनोरथ हुआ तथा गाजे बाजे से शोभायात्रा निकली।
वल्लभाचार्यजी के 19 वें वंशज आचार्यश्री विट्ठलनाथ (ब्रजांग बाबाजी) ने गोस्वामी विट्ठलनाथ नाथजी का केसर स्नान कर तिलक आरती की।
दाऊजी व राज रतन बिहारीजी मंदिर में जलेबी मनोरथ के दौरान ठाकुरजी की स्तुति वंदना व आरती की गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ब्रजांग बाबा का भी प्रतीक रूप् केसर स्नान करवाया। काजू, बादाम, केसर, पिस्ता, गुलाबजल आदि विविध प्रकार की जलेबियों का ठाकुरजी भोग के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया। दोनों मंदिरों में विशेष सजावट व ठाकुरजी के श्रृृंगार किया गया।
शोभायात्रा- आसानियों के चैक के गोवर्धन नाथजी के मंदिर से रवाना होकर शोभायात्रा तेलीवाड़ा के विट्ठलनाथजी दाऊजी मंदिर, जोशीवाड़ा, कोटगेट होते हुए श्री राज रतन बिहारी मंदिर पहुंची। शोभायात्रा में कामवन पीठ के बीकानेर के आचार्यश्री ब्रजांग बाबा परम्परानुसार डंका, शंख,निशान, छड़ी, चंवर मोरछाल के साथ शामिल हुए। शोभायात्रा में एक रथ पर गोस्वामी विट्ठलनाथ जी के 507 की प्रतिमा प्रतिष्ठित थीं। बैंड पार्टी भगवान कृृष्ण के भक्ति गीतों की धुनें बजा रही थीं। शोभायात्रा के मार्ग पर अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं ने वैष्णवाचार्यश्री गोस्वामी विट्ठल नाथजी की प्रतिमा व बीकानेर के आचार्यश्री ब्रजांग बाबा का वंदन अभिनंदन किया। महिला-पुरुष जयकारा लगाते नृृत्य करते हुए चल रहे थे। मार्ग में अनेक स्थानों पुष्पवर्षा से तथा मार्ग में दूध के राबड़िए व चाय आदि से श्रद्धालुओं का सत्कार किया गया ।