राजस्थान सरकार
कार्यालय अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा, भाषा, पुस्तकालय, पंचायती राज (प्रारम्भिक शिक्षा)
एवं संस्कृत शिक्षा विभाग
कमांक: प.19(12)शिक्षा-2/2016
जयपुर, दिनांक 09.12.2021
-: परिपत्र:-
IMMEDIATE
राज्य सरकार के यह ध्यान में आया है कि शिक्षा विभाग के विभिन्न
शिक्षकों/कार्मिकों को संभाग स्तर/राज्य स्तरीय/जिला व प्लाक स्तर पर कतिपय कार्यालयो (यथा
सभागीय कार्यालय/जिता परिषद/कलक्ट्रेट/उप खण्ड कार्यालय/पयायत समिति/तहसील व
अन्य विभागीय कार्यालय इत्यादि) में कार्य व्यवस्था लगाया हुआ है। उक्त शिक्षकों व कार्मिकों द्वारा
अपनी सेवाएं शिक्षा विभाग की जगह अन्य कार्यालयों में दी जा रही है. जबकि इनका वेतन शिक्षा
विभाग के विभिन्न स्कूल/ कार्यालयों से आहरित किया जा रहा है। समय समय पर विभिन्न माध्यमो
से प्राप्त विभिन्न शिकायतों/ विधान सभा प्रश्नों/ध्यानाकर्षण/स्थगन प्रस्तायों आदि के माध्यम से
उक्त स्थिति पर गम्भीर नाराजगी जतायी जाती रही है। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार
अधिनियम, 2009 की धारा 7 के अनुसार दस वर्षीय जनगणना, आपदा प्रबन्धन, चुनाव कार्या, पल्स
पोलियो अभियान आदि के लिए भी शिक्षकों की सेवाएं ली जाती है. किन्तु इस तरह क कार्या के
सम्पन्न होने के पश्चात् भी शिक्षकों / कार्मिकों को उनके मूल पदस्थापन स्थान के लिए कार्यमुक्त
नहीं किया जाता है।
उक्त स्थिति नितांत अस्वीकार्य है। इस सम्बन्ध में पूर्व में भी समसंख्यक परिपत्र दिनाक 21
08.2019, पत्र दिनांक 06.09.2019 एवं 14112019 तथा मुख्य सचिव जी के आदेश दिनाक 05.06
2020 द्वारा भी निर्देश जारी किये गये है। किन्तु उक्त निर्देशों की पालना नहीं की जा रही है। उक्त
स्थिति में शिक्षकों/ कार्मिकों के मूल पदस्थापन याले विद्यालयों/कार्यालयों का कार्य प्रभायित हो रहा
है।
उपरोक्त परिस्थितियों में शिक्षा विभाग के विद्यालय व कार्यालयों तथा राजस्थान सेवा नियम
144 “क” के तहत अन्य विभागों/कार्यालयों में की गई प्रतिनियुक्ति को छोडकर शेष
विभागों/कार्यालयों में की गई कार्य व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है तथा
सम्बन्धित शिक्षको/कार्मिकों को निर्देशित किया जाता है कि वे तत्काल कार्यमुक्त होकर अपनी
उपस्थिति मूल पदस्थापन वाले विद्यालय/कार्यालय में देखें। यदि उन्हें सम्बन्धित कार्यालयाध्यक्ष द्वारा
मूल पदस्थापन हेतु कार्यमुक्त नहीं किया जाता है तो वे स्वंय बिना कार्यमुक्त हुए अपने मूल
पदस्थापन स्थान पर कार्यभार ग्रहण करें।
इन शिक्षकों/ कार्मिकों के आहरण वितरण अधिकारी का यह दायित्व होगा कि वे इन्हें अपने
मूल पदस्थापन स्थान पर कार्यग्रहण करवायें। यदि वे किसी भी कारण से 21 दिसम्बर 2021 तक
कार्य ग्रहण नहीं करते है, तो उनका दिसम्बर माह का वेतन आहरण नहीं किया जावे व इसी भांति
यदि वे कार्यग्रहण नहीं करते हैं तो उनका आग के वेतन का आहरण नहीं किया जावे।
स्पष्ट किया जाता है कि वर्तमान में उक्त आदेश शिक्षा विभाग में ही किसी भी स्तर पर कार्य
व्यवस्थार्थ या अस्थाई प्रतिनियुक्ति पर लगे हुए शिक्षकों/कार्मिकों तथा अन्य विभागों/कार्यालयों में
राजस्थान सेवा नियम 144 “क” के तहत प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत उन शिक्षकों/कार्मिकों पर लागू
नहीं होंगे, जिनके वेतन का भुगतान सम्बन्धित विभाग/कार्यालय द्वारा किया जा रहा है।
यह भी निर्देश दिये जाते है कि शिक्षा विभाग के स्वंय के कार्यालयों में या विद्यालयों में यदि
अस्थाई शैक्षणिक व्यवस्था/कार्य व्यवस्था हेतु शिक्षकों/
कार्मिकों की सेवाएं ली जानी है तो उक्त
आदेश भी राज्य सरकार की पूर्व अनुमति बिना जारी नहीं किये जावें।
सभी सम्बन्धितों द्वारा उक्त निर्देशों की कठोरता से पालना सुनिश्चित की जावे।
अतिरिक्त मुख्य सचिनीक 10-12-2021
(पवन कुमार गोयल)
कमांक:-शिविरा-माध्य/संस्था/एफ-3/13406/सामान्य प्रतिनियुक्ति/2019
प्रतिलिपि निम्नांकित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु:-