बीकानेर,15 जनवरी। आरएसवी शिक्षण समूह में 70 इंटरैक्टिव स्मार्ट बोर्ड्स का संचालन हुआ प्रारंभआरएसवी शिक्षण समूह में 70 इंटरैक्टिव स्मार्ट बोर्ड्स के इंस्टॉलेशन और संचालन प्रक्रिया के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए केंद्र सरकार के राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि स्किल्ड नौजवानों का निर्माण और युवाओं को भविष्य के संघर्ष के लिए सुदृढ़ करना ही शिक्षा का मूल उद्देश्य है. जब विद्यार्थी प्रारंभिक काल से ही आधुनिकतम संसाधनों और टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल करना शुरू कर देगा तो उसके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और वह अपने कौशल से देश के हित में भागीदार बन सकेगा. मेघवाल ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी सीखकर युवा अपनी स्किल्स को बढ़ाएंगे और स्किल इंडिया अभियान के साथ जुड़कर सुशासन में अपनी भागीदारी निश्चित करेंगे. मेघवाल ने आंकड़ों के साथ प्रस्तुत किया कि चीन में सकल घरेलू उत्पाद का ढ़ाई फीसदी व्यवसायिक और तकनीकी शिक्षा हेतु खर्च होता है जबकि भारत इस दिशा में चीन से बहुत पीछे है. उन्होंने कहा कि आरएसवी की यह पहल भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी. मेघवाल ने कहा कि इन इंटरैक्टिव स्मार्ट बोर्ड्स के उपयोग से लर्निंग बढ़ेगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एके गहलोत ने कहा कि टेक्नोलॉजी के साथ साथ स्किल्स को सीखना भी बहुत आवश्यक है क्योंकि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में 100 करोड़ नौकरियां अकेले टेक्नोलॉजी पर ही आधारित होंगी. टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव के कारण विद्यार्थियों को प्रारंभिक काल से ही टेक्नो सैवी बनना ही पड़ेगा अतः ज्ञान ही भविष्य की शक्ति बनेगा.कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मैनेजमेंट ट्रेनर डॉ गौरव बिस्सा ने कहा कि टेक्नोलॉजी, टॉलरेंस और टाइमलीनेस के “थ्री टी मॉडल” को अपनाकर विद्यार्थी करियर में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. इस हेतु नई से नई टेक्नोलॉजी को सीखना, नए चेंज को स्वीकार करना और समय के साथ खुद को परिवर्तित करना जरूरी होता है. डॉ. बिस्सा ने शोध परक प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि वर्ष 2019 की स्किल इंडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के 53% युवा ग्रेजुएट्स तो रोजगार के लायक ही नहीं है क्योंकि उनके पास सिर्फ डिग्री है, स्किल्स नहीं है. डॉ. बिस्सा ने ब्लैंडेड लर्निंग को समय की आवश्यकता बताया और कहा कि हुनर है तो ही कद्र संभव हो सकेगी अतः विद्यार्थियों को लेटेस्ट डेवलपमेंट के प्रति सजग होना जरूरी है. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी अरुण प्रकाश गुप्ता ने कहा कि टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ना इसलिए आवश्यक है क्योंकि वर्तमान कारोबार जगत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर एडेड डिजाइन और नेटवर्क मैपिंग जैसे नए कॉन्सेप्टस पर काम हो रहा है. आरएसवी शिक्षण समूह द्वारा इंस्टॉल्ड पैनल्स और उनकी उपादेयता पर गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय में तकनीकी ज्ञान और स्पिरिचुअल नॉलेज दोनों ही जरूरी है क्योंकि मनुष्य निर्माण भी उतना ही जरूरी है जितना तकनीकी ज्ञान और उसका स्पेशलाइजेशन.कार्यक्रम के प्रारंभ में आरएसवी शिक्षण समूह के सीएमडी सुभाष स्वामी ने बताया की पूरे बीकानेर में शिक्षा के प्रति समर्पित आरएसवी समूह ने कोरोना काल जैसे मुश्किल काल में भी विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा देने के लिए 70 इंटरैक्टिव स्मार्ट बोर्ड पैनल लगवाए और यह सुनिश्चित किया विद्यार्थी सर्वोत्तम शिक्षा प्राप्त कर देश के लिए योगदान दे सकें. स्वामी ने कहा कि राष्ट्र शिक्षा विद्यालय अर्थात आरएसवी समूह का ध्येय वाक्य यही है कि विद्यार्थी पढ़ें, उत्तम तकनीक को जानें, सर्वोत्तम शिक्षण प्राप्त करें और राष्ट्र को योगदान दें. स्वामी ने कहा कि पैनल्स का लगना विद्यार्थियों में लर्निंग के प्रति एक पॉज़िटिव सोच विकसित करेगा और विद्यार्थी हर चीज़ को आसानी से सीख सकेंगे.कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डूंगर कॉलेज प्राचार्य डॉ जीपी सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान में दक्ष बनाकर उन्हें हुनर सिखाने की पेशकश करती है और आरएसवी शिक्षण समूह द्वारा इंस्टॉल्ड स्मार्ट बोर्ड पैनल्स से सीखना बहुत आसान और रुचिकर बन जाता है. डॉ सिंह ने भारत को दूसरा सबसे बड़ा ई लर्निंग मार्केट बताते हुए कहा कि भविष्य ई लर्निंग, टेक्नोबेस्ड लर्निंग का है और आरएसवी इसमें महती भूमिका निभा रहा है.आरएसवी शिक्षण समूह के सीईओ आदित्य स्वामी ने बताया कि शिक्षा का मूल उद्देश्य ही विद्यार्थियों को इस प्रकार सिखाया जाना है कि उन्हें विषय में दिलचस्पी हो, आसानी से सीखें और वे हर कॉन्सेप्ट को समझकर उस दिशा में शोध, समीक्षा और मूल्यांकन कर सकने में समर्थ बने. आदित्य स्वामी ने कहा कि 2017 से 19 के बीच में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 4 हजार बच्चों ने आत्महत्या सिर्फ इस कारण से की क्योंकि उन्हें फेल हो जाने का भय था. फ़ेल होने का भय तभी जागता है जब विद्यार्थी कॉन्सेप्ट को समझ नहीं पाता. आदित्य स्वामी ने बताया कि इन पैनल से उत्तम पढ़ाई करवाकर, इंटरैक्टिव लर्निंग के द्वारा, सींग इस बीलिविंग के कॉन्सेप्ट के साथ विद्यार्थियों को उत्तम प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.कार्यक्रम में स्कूल प्राचार्य निधि स्वामी ने स्कूल की विविध गतिविधियों पर प्रस्तुतीकरण दिया और बताया कि पिछले 60 वर्षों में विद्यालय दस हजार से ज्यादा उत्तम पेशावरों का निर्माण किया है. श्रीमती निधि ने कहा कि विद्यार्थी स्कूल में पढ़ने आता है इसलिए आरएसवी शिक्षण समूह विद्यार्थियों को क्वालिटी लर्निंग देने के लिए प्रतिबद्ध है.कार्यक्रम के प्रारंभ में कॉमर्स विभागाध्यक्ष डॉ पुनीत चोपडा ने पैनल्स का डेमॉन्स्ट्रेशन दिया और यह समझाया कि किस प्रकार से इन पैनल के द्वारा क्विक लर्निंग, इंटरैक्टिव लर्निंग और हैंड राइटिंग द्वारा पीडीएफ़ डॉक्यूमेंट क्रिएशन संभव है.कार्यक्रम में समाजसेवी ओम मोदी, श्याम मोदी, आरन आरएसवी के प्रशासक पार्थ मिश्रा, उप प्राचार्य बिंदु बिश्नोई, एनएन आरएसवी की ज्योति खत्री, चयनित अभिभावक, और समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन आरएन आरएसवी स्कूल के प्राचार्य डॉ नीरज श्रीवास्तव ने किया. रविन्द्र भटनागर ने सभी का आभार ज्ञापित किया.