बीकानेर 6 फरवरी । स्वर्गीय लता मंगेशकर संगीत क्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों का भी पूरी तरह से निर्वहन करती थी | लता जी के जीवन मूल्यों को अंगीकार करते हुए तथा उनक संगीत के क्षेत्र में दिए गए योगदान को देखते हुए कह सकते हैं कि उन्होंने न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाया | ये उद्गार व्यक्त किए वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने | अवसर था लता मंगेशकर के निधन पर नगर के साहित्यकारों एवं संस्कृति कर्मियों की तरफ से आर्ट गैलरी नागरी भंडार में आयोजित शब्दांजलि कार्यक्रम का | कवि कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि लताजी देश की ऐसी आवाज़ थी जो पूरे देश के जन-जन की प्रिय कलाकार थी | इस अवसर पर सोजत से पधारे साहित्यकार अब्दुल समद राही ने कहा कि लता मंगेशकर पूरी दुनिया के दिलों पर राज करती थी उनकी गायकी और आवाज़ की कशिश दिलों को छू जाती है | कवि नेमचंद गहलोत ने कहा कि वे भारत वर्ष की एक ऐसी बेटी थी जिन्होंने अपनी गायकी से सभी के दिलों में अपनी जगह बनाई और वो हमेशा अमर रहेंगी | शायर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने कहा कि लताजी मौसिक़ी के क्षेत्र का एक ऐसा सितारा थी जिन की चमक हमेशा बढ़ती रही और उनके चले जाने के बाद भी वह अपने गीतों के माध्यम से हमेशा अमर रहेंगी | वरिष्ठ कवयित्री प्रमिला गंगल ने कहा कि जिनके नाम अमर हो जाते हैं वह कभी नहीं मर पाते | कार्यक्रम में अपनी आत्मिक श्रद्धांजलि देते हुए आत्माराम भाटी ने कहा कि वे खेलों को बढ़ावा देती थी | गायक कलाकार एम रफ़ीक़ क़ादरी ने ए मेरे वतन के लोगों गीत पेश करके उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी | सुधा आचार्य ने अपनी कविता बेटी ने दुनिया में नाम चमकाया के जरिए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए | इंदिरा व्यास ने उन्हें श्रद्धा से नमन किया | ज़ाकिर अदीब ने अपने शेरों से उन्हें याद किया | जुगलकिशोर पुरोहित ने कहा कि लताजी की गायकी का उज्जवल ज्योति जैसा प्रकाश था | श्री गोपाल स्वर्णकार ने कहा वे बहुत बड़ी कलाकार थी | गिरीराज पारीक ने कहा कि आज पूरे विश्व के लिए शोक की घड़ी है | मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफ़ी ने कहा लताजी ने जो जादू जगाया उसे अपनी आवाज़ से परिभाषित नहीं किया जा सकता | प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कहा कि उनकी आवाज़ ही उनकी पहचान एवं भारत की शान थी | कार्यक्रम में नंदकिशोर सोलंकी, बुनियाद ज़हीन, डॉ.फ़ारुक़ चौहान, डॉ. ज़ियाउल हसन क़ादरी, रिहाना रानू, हरीकृष्ण व्यास, मोनिका गौड़, गंगाबिशन विश्नोई, ललित सिंह, असद अली असद, डॉ. अजय जोशी, छगनलाल एवं गोपाल महाराज सहित अनेक प्रबुद्ध जनों ने उन्हें अपनी आत्मिक श्रद्धांजलि अर्पित की ।