जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित
बीकानेर, 08 फरवरी। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने शहरी क्षेत्र की साफ-सफाई, सार्वजनिक प्रकाश, पेयजल पाइप लाइन लीकेज तथा सड़क दुरूस्तीकरण सहित प्रमुख पार्कों, चौराहों, सर्किल्स के रखरखाव और सौन्दर्यकरण कार्यों की समीक्षा की।
कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को शहर की सफाई व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नियुक्त अधिकारियों से वार्डवार सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं के बारे में उन्होंने फीड बैक लिया और निगम अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन अधिकारियों के फीडबैक के आधार पर त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रतिदिन की गई प्रगति की रिपोर्ट मय फोटो के साथ प्रस्तुत करे। उन्होंने सार्वजनिक सम्पत्ति विरुपण की रोकथाम व अतिक्रमण हटाने के मामलों की जानकारी ली और निर्देश दिए कि सार्वजनिक सम्पति विरूपण अधिनिम की पालना सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि शहर साफ-सुथरा और स्वच्छ रहे तथा सभी संसाधनों का बेहतर उपयोग हो, इसके मद्देनजर शहर को विभिन्न जोन में बांटते हुए अधिकारियों को इनकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। निरीक्षण के दौरान जो कमियां पाई जाती है, उनका समाधान उसी दिन किया जाए। जिला कलक्टर ने नगर निगम द्वारा उपलब्ध संसाधनों के उपयोग के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिए कि जिन जमादारों को अधिकारियों द्वारा गंदगी वाले पोइन्ट बता दिए जाते है, उन पोईन्ट में अगर सफाई नहीं होती है, तो यह कार्य के प्रति घोर लापरवाही मानी जायेगी। उन्होंने निगम अधिकारी को निर्देश दिए कि जो अधिकारी व कार्मिक सही ढंग से काम नहीं कर रहे, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
जिला कलक्टर शहर में असहाय पशुओं को गौशालाओं में छुड़वाने के निर्देश दिए और कहा कि संयुक्त निदेशक पशुपालन से समन्वय करते हुए निगम असहाय पशुओं को गौशालाओं में सिफ्ट करे। उन्होंने कहा कि जो गौशालाए राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त कर रहीं है, उन्हें 10 प्रतिशत पशुओं को लेना होगा।
जिला कलक्टर ने कहा कि शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने में निगम और अधिकारियों के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं और आमजन का सहयोग भी लिया जाए। वार्ड तथा मोहल्ला विकास समितियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से वार्डवार श्रमदान और स्वच्छता अभियान आयोजित किए जाएं। शहर के प्रमुख प्रवेश मार्गों पर स्वच्छता के विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जलदाय विभाग द्वारा पाइपलाइन दुरूस्तीकरण से पूर्व नियमानुसार अनुमति ली जाए तथा कार्य पूर्ण करने के पश्चात टूट-फूट भी दुरुस्त की जाए। बिना अनुमति सड़क को क्षति पहुंचाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।