बीकानेर 11 मार्च। हर्ष फाउन्डेशन के तत्वावधान में डॉ.बसंती हर्ष की तीन पुस्तकों का लोकार्पण समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ.अजय जोशी ने कहा कि लेखिका डॉ.बसंती हर्ष एक बहुआयामी साहित्यकार के साथ एक अच्छी समाजसेविका भी है। इनके सृजन में परिवार, समाज और संस्कृति, धर्म और दर्शन के विविध आयाम निहित है। इनकी तीन पुस्तकें विविध निबंध, नवयुग का निर्माण और उतिष्ठ जाग्रत, अलग-अलग विधाओं में आम पाठक के लिए सामने आयी है जिसका स्वागत होना चाहिए। इन पुस्तकों में सामाजिक सरोकारों का ताना-बाना रचा गया है जिस पर मनन होना चाहिए।
मुख्य अतिथि सहायक निदेशक जन सम्पर्क हरिशंकर आचार्य ने कहा कि लेखिका ने अपने सृजन में सामाजिक विद्रुपताओं पर आवाज उठाई है तो उसका समाधान भी बताया है। लेखिका के सृजन में सामाजिक सरोकारों संस्कृति, मानवीय मूल्यों का एक वृहद केनवास तैयार कर इन पुस्तकों के माध्यम से भांति-भांति के रंग भरे हैं। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवयित्री प्रमिला गंगल ने विविध निबंधों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह पुस्तक समाज को नई दिशा देने में सक्षम है। इनका लेखन सफल जीवन की राह बताता है साथ ही भावी पीढी को संस्कारित भी करता है। विशिष्ट अतिथि इन्द्रा व्यास ने कविताओं पर बात करते हुए कहा कि लेखिका ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों की तरफ अलग-अलग विषयों के माध्यम से आवाज उठाते हुए बताया कि-नारी ने चौका छोड़ा, वाट्सएप्प का लगाया चस्का। बसंत के मौसम में बसन्तीजी अपनी 14-15 और 16 वीं पुस्तक के साथ नई पीढी को संस्कारित कर रही है। विशिष्ट अतिथि मोहनलाल जांगिड ने कहा कि संस्कार, संस्कृति और सामाजिक सरोकारों से भरी ये पुस्तकें पठनीय एवं संग्रहणीय है।
इससे पहले कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ.अजय जोशी और लेखिका ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित किया, डॉ.कृष्णा आचार्य ने सरस्वती वंदना-हे शारदे मां ज्ञान दो प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कवयित्री डॉ.रेणुका व्यास “नीलम”, ऋतु शर्मा ने विविध निबंध और उतिष्ठ, जाग्रत पुस्तकों पर अपनी बात रखी। नवयुग का निर्माण पुस्तक पर इला पारीक के लिखे विचारों का वाचन डॉ.अंजु टिना ने किया। लेखिका बसन्ती हर्ष ने अपने रचनाकर्म को साझा किया।
हर्ष फाउन्डेशन की तरफ से मंच के साथ प्रौढावस्था के रचनाकार नेमचंद गहलोत का सम्मान डॉ.मधुसुदन व्यास, सुरेन्द्रप्रकाश गुप्ता, शिवनामसिंह, डॉ.दीप्ति वहल, अशोक माथुर, इन्द्रा मिश्रा, सरोज भाटी, कुसुम गुप्ता, विजयलक्ष्मी व्यास, शिवशंकर शर्मा, डॉ.शुक्लाबाला पुरोहित, अलका डोली पाठक, जगदीश हर्ष, कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार, डॉ.फारुक चौहान, इंजी.गिरिराज पारीक, ऋषिकुमार अग्रवाल ने माला, शोल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया। साथ ही पत्रवाचकों का सम्मान जुगल राठी, उषा गोस्वामी, कांता चाडा, मधुरिमासिंह, जुगलकिशोर पुरोहित, पुष्पा मुंधड़ा, कवयित्री सरिता पारीक, सुनीता हर्ष, नरेंद्र पुरोहित, रमेश शर्मा द्वारा माला, शोल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया। आवरण सज्जा हेतु सुश्री आरती शर्मा, शब्द संयोजन एवं टंकण हेतु किशनकुमार व्यास, विजयकुमार कल्ला, कुशल मंच संचालन हेतु ज्योतिप्रकाश रंगा और नवकिरण प्रकाशन की यामिनी जोशी का विशिष्ट सम्मान हर्ष फाउण्डेशन ने किया। लेखिका डॉ.बसंती हर्ष का सम्मान अनेकों संस्थाओं के साथ वरिष्ठ नागरिक समिति एवं शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान द्वारा किया गया। हर्ष फाउन्डेशन की तरफ से सभी के प्रति आभार डॉ. एस.एन.हर्ष ने दिया।