निस्वार्थ भाव का कर्म ही आदमी को उंचाइयां प्रदान करता है – डॉ.महेंद्र खड़गावत
बीकानेर 16 मार्च ।जुबली नागरी भण्डार और प्रज्ञालय संस्थान द्वारा संयोजित राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डॉ.महेंद्र खड़गावत का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन होने पर शहर की इक्यावन से अधिक रचनाशील संस्थाओं द्वारा नरेन्द्रसिंह ऑडिटोरियम में नागरिक अभिनंदन किया गया ।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए शिक्षाविद उमाकांत गुप्त ने कहा कि व्यक्ति जब अहर्निश सेवा, अथक परिश्रम, अपने सपनों को सौंपकर अपनों की दुआओं से सींचकर आगे बढ़ता है तो व्यक्ति व्यक्तित्व हो जाता है, समाज के लिए प्रेरणा हो जाता है।डॉ.महेंद्र खडगावत ऐसे ही चरित्र हैं । विशिष्ट अतिथि अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय के पूर्व इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर भंवर भादाणी ने कहा कि महेंद्र खड़गावत एक लग्नशील, कर्मशील व्यक्तित्व है जिन्होनें अपने कार्यों से राज्य अभिलेखागार को उंचाइयां प्रदान की । इनके कार्यों की चर्चा देश के साथ विदेशों में भी हो रही है । आपने करीबन डेढ़ करोड़ डोक्यूमेंटो को डीजीटल तैयार कर सुरक्षित किए हैं।विशिष्ट अतिथि संस्कृतिकर्मी नेमचंद गहलोत ने कहा कि महेंद्र खड़गावत जमीन से जुड़ा व्यक्तित्व है जिसने अपने कार्यों की बदौलत जीवन में उतरोत्तर प्रगति की है ।
इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की | स्वागत उद्बोधन देते हुए प्रज्ञालय संस्थान के कमल रंगा ने कहा कि बीकानेर को गर्व है कि हमारे शहर के लाड़ले महेंद्र ने अपने कार्यों से इतिहास रचते हुए बीकानेर शहर को गौरवान्वित किया है।अविनाश व्यास ने मनुज देपावत का गीत-छाती पर पैणा पड्या नाग, धोरां आळा देस जाग रे ऊंटा आळा देस जाग सुनाकर तालियाँ बटोरी।किशोर राजपुरोहित ने अपने संस्मरण साझा करते हुए डॉ.खड़गावत के व्यक्तित्व-कृतित्व पर बात की । शायर बुनियाद हुसैन ने डॉ.खड़गावत की शान में ग़जल पढ़ी । जुबली नागरी भण्डार, प्रज्ञालय संस्थान और उपस्थित मंच-नंदकिशोर सोलंकी, उमाकांत गुप्त, भंवर भादाणी, नेमचंद गहलोत, संजय पुरोहित और कमल रंगा द्वारा शहर की इक्यावन से अधिक संस्थाओं के साथ शहर के हरदिल अजीज डॉ.महेंद्र खड़गावत और इनकी धर्मपत्नी अरुणा खड़गावत का माल्यार्पण शोल, स्मृति चिन्ह से नागरिक अभिनंदन किया । अभिनंदन पत्र का वाचन कथाकार संजय पुरोहित ने किया ।
संस्थाओं के साथ शहर के गणमान्यों-प्रोफेसर डॉ.अजय जोशी, दीपचंद सांखला, राजाराम स्वर्णकार, पी.आर भाटी, सरोज भाटी, शरद केवलिया, राजेश रंगा, कनय शर्मा, इंजीनीयर गिरिराज पारीक, निकेता सोलंकी, डॉ.नरसिंह बिन्नाणी, नरेन्द्रकुमार सोलंकी, कासिम बीकानेरी, श्रीगोपाल स्वर्णकार, प्रेमनारायण व्यास, मधुरिमासिंह, डॉ.सुधा आचार्य, सत्यनारायण पंवार, डॉ.फारुक चौहान, मोतीलाल हर्ष, राजा सेवग, अख्तर चूडीगर, कन्हैया लाल जोशी, नीलय सोलंकी, केशव अरोड़ा, मौनिका गौड़, जुगल पुरोहित, किशन चौधरी, हेम शर्मा, शांतिलाल सुराणा, बंशी तंवर, श्याम पांडे, किशन सांखला, कुलदीपसिंह, इलियास, अरुण व्यास, इरशाद अजीज, नित्यानंद पारीक, देवदत्त शर्मा, छगनसिंह, दामोदर तंवर, घनश्यामसिंह, रामजी गहलोत, राज उतरेजा, बुलाकी गहलोत, त्रिलोक, जोधराज सहित अनेक गणमान्यों ने माल्यार्पण कर स्वागत किया ।
इक्यावन से अधिक रचनाशील संस्थाओं जुबली नागरी भण्डार, हिन्दी विश्व भारती, प्रज्ञालय संस्थान, शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान, श्री संगीत भारती, राजस्थानी युवा लेखक संघ, सखा संगम, प्रेरणा प्रतिष्ठान, स्व.अभयप्रकाश भटनागर स्मृति संस्थान, स्व, नरपतसिंह सांखला स्मृति संस्थान, मस्तान एकेडमी, फ़नवर्ल्ड वाटर पार्क, प्रेरणा इंडस्ट्रीज, प्रो.रंगाज फिजिकल क्लब, बीकानेर जिला उद्योग संघ, लालजी ग्रुप, सागर फेशंस ग्रुप, अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ, अंवेर संस्थान, रामदेव इंडस्ट्रीज ने भी भावभीना अभिनंदन किया कार्यक्रम का संचालन ज्योतिप्रकाश रँगा ने किया । सभी के प्रति आभार युवा पत्रकार हरीश बी. शर्मा ने माना।