राजस्थानी कहानी अगाड़ी नारी मन की गहरी पड़ताल करती है।
दिल्ली-बीकानेर, 15 मार्च। साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के तत्वावधान में सात दिवसीय साहित्योत्सव के अन्तर्गत मंगलवार को पूर्वोत्तरी कार्यक्रम में हिन्दी-राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार कवि – कथाकार राजेन्द्र जोशी ने राजस्थानी कहानी अगाड़ी का प्रभावी वाचन किया ।
साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के सचिव के. श्रीनिवास राव ने बताया कि उत्तर-पूर्वी और उत्तर लेखक सम्मिलन के इस सत्र में राजस्थानी कहानी के साथ बंग्ला, हिन्दी एवं पंजाबी कहानियाँ पढ़ी गयी । इस सत्र की अध्यक्षता मणिपुर भाषा परामर्श मंडल के संयोजक एन.किरण कुमार ने की।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में एन.किरण कुमार ने कहा कि अगाड़ी कहानी नारी मन की गहरी पड़ताल करती है , जोशी की अभिव्यंजना की दृष्टि का ही कमाल है कि अगाड़ी के माध्यम युगों से थमी हुई थीम नए रूप में प्रस्तुत हुईं हैं ।
उन्होंने कहा कि अगाड़ी कहानी का कथ्य और भाषा में ठेठ मुहावरा रचा हुआ है जिससे अगाड़ी राजस्थानी की उल्लेखनीय कहानी बन पड़ी है ।
रूढ़िभंजकता का श्रेष्ठ उदाहरण अगाड़ी कहानी में मिलता है । जोशी ने अगाड़ी के माध्यम से पात्रों के अंतस में भीतर झांकने की हिम्मत जुटा पाये है , इस कहानी में हिम्मत और दृष्टि सहज भाषा में संप्रेषणीयता के साथ नज़र आती है ।
अगाड़ी कहानी बदलाव की बयार को सतर्कता से अंवेरती है, कहानी के माध्यम से जोशी सदियों से चली आ रही रूढ़िवादी सोच के दायरे से बाहर निकलकर समय के साथ कदमताल के लिए हो जाती है, परम्परागत राजस्थानी समाज में बदलाव मामूली बात नहीं है जिसकी पहचान व अंकन कहानीकार की बड़ी सफलता मानी जा सकती है ।उल्लेखनीय है कि जोशी की हिन्दी-राजस्थानी की अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है जिसमें राजस्थानी कहानी संग्रह “जुम्मै री नमाज” पाठकों के बीच चर्चित कहानी-संग्रह है। जोशी के अगाड़ी कहानी संग्रह एवं कद आवैला खरूंट कविता संग्रह पाठकों में लोकप्रिय रही है ।
कार्यक्रम में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य , कैलाश पुरोहित, अशोक गुप्ता सहित देश के अनेक साहित्यकार उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन कवि कुमार अनुपम ने किया ।