09 मार्च की शाम को मंदिर प्रांगण में होगा कार्यक्रम, फिर समाज का सामूहिक प्रसाद का आयोजन, देर रात निकलेगी बीकानेर की पहली गेवर
बीकानेर,08 मार्च। रियासतकालीन परंपरा के अनुसार बीकानेर में होलका का आगाज शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज करता आया है।
बन्धु ट्रस्ट की अध्यक्षा कामिनी भोजक मैया ने बताया कि इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए शाकद्वीपीय मग ब्राह्मण समाज कल 9 मार्च 2022 को कुलदेवी नागणेची माता मंदिर प्रांगण में इकठ्ठा होकर शाम को माता रानी की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार कर अबीर और इत्र से होली खेलाकर और माता के चरणों मे होली के भजन पेश कर बीकानेर में होली खेलने की अनुमति आशीर्वाद प्राप्त करेगा।
रियासत काल से चली आ रही इस परंपरा के तहत माता रानी को इत्र और अबीर से होली खेलाने के बाद होलका लग जाती है और इसके बाद 7 दिन यानी होलिका दहन तक सभी तरह के मांगलिक कार्यक्रमो पर रोक लग जाती है और इन सात दिनों में बीकानेर होली की रंगत में रंग जाता है
प्रवक्ता नितिन वत्सस ने बताया कि होली के आगाज के इस रियासतकालीन पारम्परिक कार्यक्रम में जहां समाज के लोग सामूहिक प्रसाद का आयोजन करते है और शहर में पहली होली की गेवर लेकर आते है।
प्रसाद का आयोजन बढ़ते जनसंख्या दबाव के कारण अलग अलग सामाजिक स्थानों पर होता है जिसमे हंसावतो की तलाई,नाथ सागर स्थित सूर्य भवन,नत्थूसर गेट के बाहर श्यामोजी वंसज प्रन्यास भवन, जसोल्लाई तलाई स्थित जनेस्वर भवन, शिव शक्ति भवन,में समाज के लोग सामूहिक प्रसाद के आयोजन में भागीदार बनेंगे। और उसके बाद रात को बीकानेर होली की पहली गेवर लेकर गोगागेट से शहर में प्रवेश करेंगे और मूंधाड़ा सेवगो के चौक में गेवर सम्प्पन होगी।