टुडे राजस्थान न्यूज़
बीकानेर 10 मई । आज सुबह हमारी टीम मध्य नेपाल के अन्नपूर्णा सर्किट के चेमचे से ताल के लिए रवाना हुई बीच में फेरीताल में हमने चाय व नाश्ता किया रास्ता बहुत ही चढ़ाई उतराई वाला था हम बहुत बचते बचाते चल रहे थे मगर पायो के पैर में लीच ने काटा।
ताल बहुत ही सुन्दर झील थी आगे सेंचुरी की चेक पोस्ट पर कुछ औपचारिकता की।यहीं पर रक्त सने मोजे को देख जूता खोला तो एक जोंक बडे़ प्यार से रक्त पीकर मोटी बनी पैर से चिपकी थी अब इन पांच महीने रक्तदान नहीं कर सकती शायद इसीलिए लीचें रक्त पी रही थीं।आगे नदी का मुहाना काफी चौड़ा होने के साथ ही बोल्डर से भरा था जो सिल्क रूट काराकोरम का सा एहसास करा रहा था लकड़ी के हिलते पुल को सावधानी के साथ पार किया लंच धारापानी में करने के बाद हम लगभग दो बजे बगरछाप के एक तिब्बतियन इको टी हाउस में रूके।
पर्वतारोही सुषमा बिस्सा ने बताया कि आज अन्नपूर्णा सर्किट करते हुए चेमचे से रवाना होकर ताल होते हुए बगरछाप पहुंचे, इस दौरान रास्ते में लीच ने पांव पर फिर काटा जिस कारण से खून बहने लगा और इस तरह से आज 21पहाडो में चले।