बीकानेर, 03 जून। राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, बीकानेर एवं ओंकार ग्रुप के सहयोग से सुनी-लिखी-पढ़ी श्रंखला के तहत विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वास्तुकला और इतिहास विषय पर आनलाईन और आफलाईन व्याख्यान का आयोजन किया गया। राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के पूर्वाध्यक्ष प्रो. बी.एल. भादानी ने की।
मुख्य वक्ता के रूप में इन्दिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में ऐतिहासिक दृष्टि से भारत की वास्तुकला में पर्यावरण के महत्व को लेकर प्रकाश डाला। प्रो. रवीन्द्र कुमार ने हड़प्पा काल से लेकर मध्य काल तक के समय में वास्तु एवं पर्यावरण के अन्र्तसम्बन्ध को चित्राकृतियों के माध्यम से साझा किया। विशिष्ठ अतिथि के रूप मे गंगा मिशन के सचिव प्रहलाद राय गोयनका ने जल, जंगल और लकड़ी के महत्व को समझाते हुए जीवन दायिनी गंगा की विराटता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण हमेशा देश की संस्कृति का हिस्सा रहा है। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. बी.एल. भादानी ने रेगिस्तान की वास्तुकला में लकड़ी के प्रयोग का उदाहरण देते हुए बताया कि पर्यावरण की जागरूकता न सिर्फ दोआब के इलाके में देखने को मिलती है, बल्कि राजस्थान के अनेक क्षेत्रों में भी शामिल रही है। कार्यक्रम के अंत में राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी और कार्यक्रम संयोजक डा. नितिन गोयल ने आनलाइन व आफलाईन माध्यम से जुड़े सभी जिज्ञासुओं का धन्यवाद देते हुए बताया कि इस व्याख्यान में देश के चैदह राज्यों के तीस विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस व्याख्यान कार्यक्रम में पुरातत्व विभाग के सेवानिवृत्त निदेशक डा. गिरिजा शंकर शर्मा, डूंगर कालेज इतिहास विभाग के डा. सुखाराम, डा. राजेन्द्र कुमार, डा सुरेन्द्र कुमार, डा नासिर जैदी, डा मोहम्मद फारूक चौहान , गजेन्द्र खत्री , कुसुम डूडी, एडवोकेट मो. अतीक बैलिम और वरिष्ठ साहित्यकार गिरिराज पारीक सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस मौके पर गंगासिंह विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, भारत स्काउट और एन.सी.सी के कैडेट्स को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा. उमा गौड़ ने किया। कार्यक्रम के सह प्रायोजक ओंकार ग्रुप के.डी. सर्विसेज रहे।