बीकानेर, 24 जून। साले की होली चौक क्षेत्र के प्रभु माधव निवास में चल रहे भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में शुक्रवार को नंद उत्सव भक्ति व उल्लास के साथ मनाया गया। ’’नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की, हाथी दीजै, घोड़ा दीजै और दीजे पालकी’’ आदि उद्घोष के साथ नन्हें बच्चों ने भगवान श्रीकृष्ण, ग्वाल-बाल का स्वरूप् धारण कर भक्ति के साथ नृत्य किया । श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप् धारण किए बालक ने माखन-मिश्री से भरी मटकी को फोडा। पुष्प, इत्र व गुलाबजल की वर्षा की गई। ठाकुरजी के माखन-मिश्री, मेवा आदि का भोग लगाकर प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।
भागवताचार्य पंडित अरुण व्यास ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि प्रभु की सभी लीलाएं आलौकिक व परमात्मा के प्रति भक्ति बढ़ाने वाली है। श्रीकृष्ण ने जो गीता में दिया वह लौकिक (संसारिक जीवन के साथ आध्यात्मिक क्षेत्र) में अनुकरणीय व प्रेरणादायक है। ’’श्रीकृृष्णम् शरणम् मम’’ भगवान श्रीकृष्ण का यह मंत्र भौतिक,दैहिक सभी पाप व ताप, संताप, रोग व शोक को दूर करने वाला है। भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भाव से भक्ति करने से वे भक्तों के सभी कार्य पूर्ण करते है। मुख्य यजमान माधेदास हर्ष, श्रीमती कृष्णा देवी आदि ने केसरिया बाना पहने भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप् का पूजन व वंदन किया।