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अज़ीज़ भुट्टा
बीकानेर, 29 अगस्त । बाबा मित्र मंडल रानी बाजार की तरफ से नोखड़ा से 1 किलोमीटर आगे बाबा रामदेव जी के मंदिर मैं शिवरतन अग्रवाल फ़न्ना बाबू की तरफ से लगाई गई सेवा स्थल पर सोमवार को शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला परिवार सहित पहुंच कर पैदल जाने वाले यात्रियों की सेवा करके आशीर्वाद लिया। शिक्षा मंत्री ने यहां पर आने वाले यात्रियों को अपने हाथों से खाना तो खिलाया ही साथ में पैदल चल रहे यात्रियों के पांव में छाले पड़ने से घायल हुए लोगों के मरहम करके सेवा की । यहां के सेवादारों ने बताया कि इस स्थल पर नहाने की व्यवस्था, भोजन व्यवस्था, चाय बिस्कुट, दूध जलेबी व रसना ज्यूसअप के अलावा मेडिकल सेवा भी उपलब्ध करवा रहे हैं। सेवादारों को बीकाजी इंटरनेशनल के चेयरमैन श्री शिवरतन जी अग्रवाल फन्ना बाबू ने ध्वजा दिखाकर रवाना किया था।
शिक्षा मंत्री ने रामदेवरा पैदल यात्रियों की सेवा सुश्रुषा की, पांवों के छालों पर लगाया मरहम
श्रीकोलायत में कृषि मंत्री भी रहे साथ
बीकानेर, 29 अगस्त । शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला तथा कृषि एवं पशुपालन मंत्री और जिला प्रभारी मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने सोमवार को कोलायत स्थित बारह ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर में रामदेवरा मेले के पैदल यात्रियों के लिए आयोजित सेवा शिविर में शिरकत की तथा पैदल यात्रियों की सेवा सुश्रुषा की।
शिक्षा मंत्री ने नोखड़ा तहसील के बाबा रामदेव मंदिर में बाबा मित्र मंडल द्वारा पैदल यात्रियों के लिए आयोजित सेवा शिविर में पैदल यात्रियों को खाना खिलाया और सेवा कार्य में भागीदारी निभाई।
डॉ. कल्ला और उनकी धर्मपत्नी ने नोखड़ा में पैदल यात्रियों के पांवों में पड़े छालों के मरहम पट्टी की एवं आवश्यक दवाइयां भी उपलब्ध करवाई।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाद्रपद माह में आयोजित बाबा रामदेवजी का मेला धार्मिक सौहार्द का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि लोक देवता बाबा रामदेव जी ने धर्म और जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव का विरोध किया और सांप्रदायिक सद्भावना रखने का संदेश दिया। बाबा रामदेव की समाधि स्थल पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सभी धर्मों के लोग के लोग पहुंचते हैं। यहां राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों के पैदल यात्री भी आते हैं। उन्होंने कहा कि पैदल यात्रियों के लिए सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने मार्ग में पैदल यात्रियों के लिए विभिन्न सेवा संस्थाओं द्वारा उपलब्ध करवाई गई सेवाओं और सुविधाओं को अनुकरणीय बताया और कहा कि यह बीकानेर की गंगा जमुनी संस्कृति का प्रतीक है। इस दौरान उन्होंने पैदल यात्रियों के साथ बाबे के जयकारे लगाए।