जागरूकता रथों से गली-गली अपील जारी
ये खुराक़ हर अभियान में हर बार पिलानी जरूरी : डॉ अबरार
बीकानेर, 17 सितम्बर। पोलियो से देश के भविष्य की रक्षा के लिए प्रदेश के साथ जिले मे पल्स पोलियो बूथों पर रविवार 18 सितम्बर को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिला कर उप राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान पूरे जोर-शोर के साथ चलाया जाएगा। अभियान का जिला स्तरीय उद्घाटन जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल एसडीएम जिला अस्पताल स्थित बूथ पर बच्चों को बाई वेलेंट ओरल पोलियो वेक्सीन पिला कर करेंगे।
अभियान में बूथ कवरेज बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य भवन से आरसीएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये रथ पूरे अभियान के दौरान शहरी क्षेत्र में माईकिंग द्वारा आमजन को प्रेरित करने का कार्य करेंगे। इस अवसर पर डॉ बिंदु गुप्ता, डॉ विवेक गोस्वामी, डॉ मनुश्री सिंह, नेहा शेखावत, डॉ सुनील हर्ष, डॉ अब्दुल रशीद, दाऊ लाल ओझा आदि मौजूद रहे। इसी प्रकार जिलेभर में डिपो वार माइकिंग द्वारा गली-गली बच्चों को पोलियो से बचाने की अपील जारी की गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि इस बार पल्स पोलियो महाभियान में जिले के जन्म से 5 वर्ष तक के करीब 4 लाख 24 हजार बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। अभियान की सम्पूर्ण तैयारियां कर ली गई है। जिले मे वैक्सीन डिपो द्वारा कोल्ड चैन मेन्टेन रखते हुए वैक्सीन आपूर्ति की जाएगी। अभियान की सफलता के लिए नर्सिंग कॉलेज, रोटरी क्लब, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, स्काउट गाइड व स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। समस्त प्रमुख बस स्टेंडों और रेलवे स्टेशन पर बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाने के लिए ट्रांजिट टीम और स्लम-कच्ची बस्तियों, ढाणियों, घूमंतु जाति, रोड साइड कन्स्ट्रक्शन साइट जैसे हाई रिस्क एरिया के लिये मोबाइल टीमों का गठन भी किया गया है।
अभियान के नोडल अधिकारी डा. राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पल्स पोलियों महा अभियान के तहत 18 सितम्बर को जिले में 1,554 बूथ, 67 ट्रांजिट टीम, 94 मोबाइल टीम्स, 322 सुपरवाइजर व 6 हजार से अधिक वैक्सीनेटर्स की सहायता से 4,24,000 बच्चों को बाईवेलेंट पोलियो वैक्सीन पिलाई जाएगी। 126 हाई रिस्क एरिया पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पोलियो मुक्त भारत में भी क्यों है जरूरी पोलियो वैक्सीन ?
डॉ. अबरार ने बताया कि देश में पोलियो का अंतिम रोगी 13 जनवरी, 2011 को पश्चिम बंगाल में पाया गया। लगातार 3 वर्षों तक पोलियो मुक्त रहने पर 27 मार्च, 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत देश को पोलियो मुक्त घोषित किया। भारत के पड़ौसी देशों में पोलियो के केसेज होने के कारण राजस्थान तथा देश में पोलियो का पुनः संक्रमण होने का खतरा लगातार बना हुआ है। उन्होने बताया कि ये खुराक़ हर अभियान में हर बार पिलानी जरूरी है चाहे पहले दवा पिला रखी है। उन्होने जनता से आह्वान किया कि सभी माता-पिता और परिजन अपनी जिम्मेदारी निभाएं और अपने 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने बूथ पर अवश्य लेकर आएं और दूसरों को भी प्रेरित करें ।