बीकानेर-18 सितम्बर। पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब के साप्ताहिक अदबी कार्यक्रम की 546 वीं कड़ी में रविवार को हिंदी व उर्दू के रचनाकारों ने कलाम सुना कर समां बांधा।
साहित्यप्रेमी मुहम्मद इस्हाक़ ग़ौरी की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में वरिष्ठ शाइर ज़ाकिर अदीब कसौटी की बात कही-
जितनी कसौटियां हैं वफाओं की तेरे पास
उन सब कसौटियों पे हमें आज़मा के देख
डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने मुहब्बत के एलान का पैगाम दिया-
मुहब्बत है अगर उस जाने-जाँ से
अलल-ऐलान कह दो ये जहाँ से
राजस्थान उर्दू अकादमी सदस्य असद अली असद ने हौसले के शेर पढ़कर वाह वाही लूटी-
ये रहता है हमेशा हक़ की जानिब
असद ये हौसला लाया कहाँ से
इम्दादुल्लाह बासित,जुगलकिशोर पुरोहित,ज़ुल्क़रनैन ने भी शिरकत की।संचालन डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने किया।