हिंदी की बिंदी ही राजभाषा का सम्मान
बीकानेर 17 सितंबर । जय नारायण व्यास कॉलोनी स्थित आरएसवी उच्च माध्यमिक विद्यालय में हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की श्रंखला में आज “हिंदी और हम” के अंतर्गत प्रसिद्ध साहित्यकार ,संपादक श्री मधु आचार्य ने विद्यार्थियों से अपने अनुभव को साझा किया। कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथि मधु आचार्य, आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीईओ आदित्य स्वामी एवं संयोजक रविंद्र भटनागर ने दीप प्रज्वलित कर किया।
अत्यंत सरल शब्दों में विद्यार्थियों के समक्ष हिंदी के महत्व एवं हिंदी की उत्पत्ति को विस्तार से रखते हुए श्री आचार्य ने कहा की हिंदी 100 से अधिक क्षेत्रीय भाषाओं से मिलकर बनी भाषा है जिसने इन सभी भाषाओं के अंशों को अंगीकार किया है। हिंदी के उत्थान के लिए साहित्यकार, शिक्षक एवं सत्ता के भागीदार मिलकर जिम्मेदार हैं। यदि यह तीनों मिलकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करें तो निश्चित रूप से हिंदी को राजभाषा के साथ राष्ट्रभाषा का भी स्थान एवं सम्मान मिल सकता है। विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा के साथ हिंदी को भी पूर्ण महत्व देना चाहिए तथा उसमें अपनी पकड़ बनानी चाहिए। यदि हिंदी को राजभाषा बनाने में देरी नहीं की गई होती तो आज हिंदी का स्थान सर्वश्रेष्ठ होता। अभिभावकों का भी कर्तव्य है कि वह मोबाइल और कंप्यूटर के युग में विद्यार्थियों को हिंदी साहित्य की श्रेष्ठ कहानियां और पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करें। जैसे-जैसे पुस्तकों से विद्यार्थियों की दूरी बढ़ती जा रही है वैसे वैसे एकाकीपन की प्रवृत्ति युवाओं में विकसित होती जा रही है। आपने संबोधन में श्री अटल बिहारी वाजपेई के संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में दिए गए संबोधन का भी जिक्र किया जिससे संपूर्ण विश्व में हिंदी के मान में वृद्धि हुई तथा हिंदी की स्वीकार्यता बढ़ी।
जब तक प्रत्येक भारतीय हिंदी को गर्व के साथ स्वीकार नहीं करेगा तब तक संपूर्ण विश्व में हिंदी को सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त नहीं होगा। यदि हम चाहते हैं के हिंदी को सम्मान मिले तो हमें अपने समस्त कार्यों में हिंदी का उपयोग करना होगा। हिंदी एक अत्यंत समृद्ध भाषा है जिसका शब्दकोश अत्यंत विस्तृत है। आपने उदाहरण देकर समझाया कि किस प्रकार से अलग-अलग कार्य हेतु एक ही शब्द का किस प्रकार से अलग-अलग रूप में प्रयोग किया जाता है। विद्यार्थियों ने प्रश्नों की झड़ी लगा दी विद्यार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था। विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को सहज रूप से शांत किया गया तथा प्रत्येक प्रश्न का उत्तर प्रदान किया गया। आर एस वी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीईओ ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए श्री आचार्य का आभार व्यक्त किया तथा उनके उद्बोधन को विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी एवं प्रेरणा दायक बताया। आदित्य स्वामी एवं रविंद्र भटनागर ने श्री आचार्य को स्मृति-चिन्ह प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन लेखिका, कवियत्री ऋतु शर्मा ने किया।