बीकानेर, 11 अक्टूबर। विश्व अर्थराइटिस दिवस बुधवार को मनाया जायेगा। इस संबंध में मंगलवार को एसपी मेडिकल कॉलेज पीबीएम हॉस्पिटल मेडिसिन डिपार्टमेंट में मेडिसिन यूनिट हैड डॉक्टर एल ए गौरी ने निर्देशन में डॉक्टर परवेज समेजा, डॉ कुलदीप सैनी, डॉ रवि दत्त रेजिडेंट डॉ अभिलाष, डॉ कुलदीप डॉ दशरथ ,डॉ सोहनलाल गठिया के साथ गठिया रोग से संबंधित बीमारियों के बारे में बातचीत की।
डॉ.गौरी ने गठिया रोग क्या है, उसकी जानकारी दी और बताया कि गठिया एक अनुवांशिक बीमारी है जिसमें जोड़ों की झिल्ली में सूजन आ जाती है। जो कि खराब खानपान खराब रहन-सहन अथवा हार्माेन के डिसबैलेंस होने अथवा प्रदूषित वातावरण की वजह से होती है। गठिया मुख्य बुजुर्ग महिलाओं में मिलती है। खानपान में बदलाव अथवा अनुवांशिक कारणों से यह जवान लोगों और पुरुषों में होने की संभावना बढ़ गई है। गठिया में 8 तरह की बीमारियां आती हैं रूमेटाइड अर्थराइटिस, ओस्टियोआर्थराइटिस,अंकेलोजिंग,स्पोंडिलाइटिस, रिएक्टिव अर्थराइटिस,गाउट ,स्यूडोगाउट, पोलिमेल्जिया रुमेटिका,सोरियाटिक गठिया, सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस है।
बीकानेर शहर में गठिया – डॉ.गौरी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की तरफ से एक दशक पहले कोप कार्ड के माध्यम से विभिन्न शहरों में बीमारी का पता करने के लिए सर्वे हुआ। सर्वे में 356 लोगों में गठिया बीमारी का पता लगा , इसमें 51.4 प्रतिशत ओस्टियोआर्थराइटिस अथवा 35.6 प्रतिशत रूमेटाइड अर्थराइटिस से ग्रसित थे। चिंता की बात यह है कि इसमें युवाओं की संख्या 60 प्रतिशत थी ,जिनकी उम्र 28 से 40 साल के बीच थी।
गठिया के लक्षण – चेहरे पर लाल निशान, धूप में जाने से जलना, बुखार , जल्दी उम्र बालों का झड़ना
गठिया मुख्यत शरीर के छोटे जॉइंट्स को ही प्रभावित करता है। शरीर के बड़े जॉइंट इफेक्टेड हो सकते हैं। सुबह उठने के आधे घंटे से लेकर 1 घंटे के अंतराल में जॉइंट्स में सूजन, गर्म होना ,दर्द होना है। उन्होंने बताया कि जोड़ों के अलावा यह 10 – 25 प्रतिशत लोगों में फेफड़े एवं दिल की बीमारी , हड्डी कमजोर होना ऑस्टियोपोरोसिस, खून की कमी , लिंफोमा जैसा कैंसर अथवा डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
डॉ. गौरी ने बताया कि गठिया से संबंधित सभी रोगों की संपूर्ण अत्याधुनिक जांच व उपाय पीबीएम अस्पताल में 16 नंबर ओपीडी के अंदर हर सोमवार को उपलब्ध करवाई जा रही है।