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थोड़े से फायदे के लिए बेच मत ज़मीर ऐ दोस्त, तुझ को मेरा यही मशविरा है आज
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टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर-04 जून। पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब के तत्वावधान में रविवार को होटल मरुधर हेरिटेज में सप्ताहिक काव्य गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें हिंदी-उर्दू के रचनाकारों ने उत्कृष्ट कलाम सुनकर दाद लूटी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रवि शुक्ल रे शीन ने काग़ज़ रदीफ़ पर तरही ग़ज़ल सुनाकर वाह वाही हासिल की-
मैंने पूछा था मिरे इश्क़ का हासिल क्या है
लिख के ‘रे शीन’ फ़क़त उसने उड़ाया काग़ज़
मुख्य अतिथि वरिष्ठ शाइर ज़ाकिर अदीब की ग़ज़ल भी सराही गई-
उनको शायद पता नहीं होगा
अपनी इंसानियत से यारी है
संयोजक डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने अपनी ग़ज़ल के माध्यम से बेवफा दोस्तों पर यूँ व्यंग्य किया-
थोड़े से फायदे के लिए बेच मत ज़मीर
ऐ दोस्त तुझ को मेरा यही मशविरा है आज
राजस्थान उर्दू अकादमी सदस्य असद अली असद, रहमान बादशाह तन्हा,डॉ जगदीशदान बारहठ,कमल किशोर पारीक और धर्मेंद्र राठौड़ धनन्जय ने भी काव्य पाठ कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।संचालन डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने किया।