“प्रतियोगिता परीक्षा में इतिहास विषय की महत्ता” पर हुआ व्याख्यान
टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर 10 अक्टूबर । राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय के “इतिहास विभाग” व एनएसएस की चारों इकाइयों द्वारा “प्रतियोगिता परीक्षा में इतिहास विषय की महत्ता” पर मंगलवार को एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान माला के मुख्य वक्ता इतिहास के नामचीन लेखक अरविंद भास्कर रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. नंदिता सिंघवी, इतिहास विभागाध्यक्ष सुनीता बिश्नोई, डॉ अरविंद भास्कर, इंद्रपाल बिश्नोई, प्रेमाराम व गजेंद्र जाखड़ के द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के द्वारा की गई।

“विश्व इतिहास” “भारत का स्वतंत्रता संग्राम” “आधुनिक भारत का राष्ट्रीय आंदोलन””आधुनिक भारत” व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान के 10th में 12th में सामाजिक विज्ञान के संपादक मंडल में रहे विख्यात लेखक व व्याख्यान माला के मुख्य वक्ता अरविंद भास्कर ने इतिहास विषय की जानकारी देते हुए बताया कि प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में इतिहास का क्या योगदान है व इतिहास विषय को कैसे पढ़ा व याद किया जाए।
अरविंद भास्कर ने ऑनलाइन कक्षा के बजाय ऑफलाइन कक्षा को तरजीह देते हुए बताया कि आधुनिक युग में बच्चियों को स्वावलंबी बनाने के लिए पढ़ाई को लेकर कठिन परिश्रम करना बहुत जरूरी है प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ समय के लिए सोशल मीडिया का बिल्कुल परित्याग कर दें। साथ ही उन्होंने सभी विद्यार्थियों से राष्ट्रीय आंदोलन से रूबरू होने का आह्वान किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर नंदिता सिंघवी ने इतिहास विषय के महत्व को बताते हुए बताया कि मेरे द्वारा चार बार दिए गए यूपीएससी मैंस एग्जाम में मेरा विषय भी इतिहास ही रहा था ।
प्राचार्य डॉ नंदिता सिंघवी ने बताया कि इतिहास के अध्ययन के लिए एकाग्रता,नोट्स बनाने की आदत और छोटे-छोटे सूत्र बनाकर स्मार्ट स्टडी करके इसमें दक्षता हासिल की जा सकती है। उन्होंने बच्चों से कहा कि “स्वाधीनता आंदोलन के इतिहास” का ज्ञान सभी बच्चों को होना चाहिए जिससे वह अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर सके व उनमें राष्ट्र प्रेम की भावना सदैव बरकरार रहे।
उन्होंने वर्तमान में इजराइल व फिलिस्तीन युद्ध के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इतिहास से सबक लेते हुए हमें मानवता को बचाने की पहल करनी चाहिए।

सहायक आचार्य इंद्रपाल ने “शिक्षा व संस्कार “के साथ व्यक्तित्व विकास पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को रुचिपरक अध्ययन के साथ आगे बढ़ने के सुझाव दिए।
इतिहास के सहायक आचार्य प्रेमाराम ने ऑनलाइन एजुकेशन व सोशल मीडिया पर विचार रखते हुए बताया कि प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता कैसे प्राप्त करे।
शोधार्थी गजेंद्र जाखड़ ने विद्यार्थियों को बताया कि कैसे दूसरे विषय के विद्यार्थी भी अभ्यास के द्वारा इतिहास में महारत हासिल कर सकते हैं।
कार्यक्रम का संचालन इतिहास विभागाध्यक्ष सुनीता बिश्नोई ने किया।
एनएसएस प्रोग्राम अधिकारी डॉक्टर विनोद कुमारी, डॉ हिमांशु कांडपाल व डॉ अंजु सांगवा के साथ साथ इतिहास विभाग व महाविद्यालय की जिज्ञासु छात्राओं ने उत्साह के साथ व्याख्यान माला में भाग लिया।