टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर / भीनासर,06 अक्टूबर । अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अन्तर्गत बांठिया रा.उ.मा. विद्यालय में छट्टे दिन जीवन विज्ञान- अनुशासन दिवस पर मुनिश्री चैतन्यकुमार ‘अमन’ ने विद्यार्थीवर्ग एवं शिक्षकवर्ग को सम्बोधित करते हुए कहा शिक्षा का उद्देश्य है- विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास हो। सर्वांगीण विकास- अर्थात् शरीर स्वस्थ, मन संतुलित बुद्धिविकसित और भावना शुद्ध हो! उनके संतुलित विकास का नाम सर्वांगीण विकास है। जीवन विज्ञान बच्चों का को अनुशासन का पाठ पढ़ाता है। एक अनुशासित विद्यार्थी ही जीवन का सर्वागीण विकास कर सकता है। एकांगी विकास से कही भी विकास नहीं हो सकता । यद्यपि एकांगी विकास से धर्म साधना कर सकता है। जप और ध्यान के क्षेत्र में एकागी विकास का महत्त्व है किंतु अन्य – सामाजिक क्षेत्र में विकास करना हो तो शरीर संतुलित मन, बुद्धि और भावना, की शुद्धि अनिवार्य है।
मुनि अमन ने बताया- आज का विद्यार्थी वर्ग केवल बौद्धिक विकास करना चाहता है किन्तु यह सच है केवल बुद्धि भटकाने वाली है क्योंकि मानसिक आवेश और संवेग पर नियंत्रण क्षमता का विकास नहीं होता है तो फिर वह किसी गलत रास्ते का चुनाव कर लेता है और फिर वह मोबाईल में फाईटिंग गेम्स या अन्य भटकाव वाले दृश्य-श्रल्यो को सुनकर जीवन को बरबाद कर लेता है। जीवन विज्ञान विधार्थीयों कोआसन-प्राणायाम-ध्यान की प्रक्रिया से उसका मार्गदर्शन करता है जिससे वह शारीरिक-मानसिक-बौद्धिक भावनात्मक विकास यानि जीवन का सर्वागीण कर अनुशासित मर्यादित व्यवस्थित जीवन जी सकता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम का मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल कि सदस्याओं ने किया ।विद्यालय के प्राचार्य श्री सूरज रतन सोनी ने मुनिवर के स्वागत में अपने विचार प्रस्तुत किए। ।तेरापंथी सभा से विमल बैद,युवक परिषद से सुमति पुगलिया महिला मंडल से उर्मिला सेठिया ने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम तेरापंथ सभा के अध्यक्ष पानमल डागा, कमल बोथरा, हीरालाल गोलछा विमल गोलछा, निर्मल गोलछा, विमलसिंह बैद सुमित पुगलिया ने प्रिंसिपल महोदय को साहित्य भेंट कर सम्मानित किया ।मंच संचालन प्राध्यापिका श्री मती कौशल्या टाक ने किया ।मुनि अमन सभी कन्याओं को नशामुक्ति सदभाव पूर्ण व्यवहार तथा यथा संभव जीवन में ईमानदारी का प्रयोग हेतु संकल्प करवाया।
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