टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर 30 दिसंबर । राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर में स्वच्छ भारत कार्यक्रम के अंतर्गत प्रबुद्धजन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ. एस. सी. मेहता ने स्वच्छ भारत पखवाड़े के तहत केंद्र द्वारा गाँव भोजूसर में आयोजित सामुदायिक स्वच्छता कार्यक्रम की जानकारी दी एवं कार्बन उत्सर्जन कम करने के बारे में देश एवं विदेश में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी ।
उन्होंने देश में गंदगी ना फैलाने की सलाह दी।उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति द्वारा फैलाई गन्दगी को किसी और को साफ़ ना करना पड़े वैसी व्यवस्था की जानी चाहिए। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रमेश देदर ने बायोलॉजिकल वेस्ट, केमिकल वेस्ट एवं लेबोरेटरी वेस्ट के मेनेजमेंट पर अपना उद्बोधन दिया । इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर डॉ. अजय जोशी ने इस विषय को बहुत ही सम-सामयिक बताया एवं देश की प्रगति के लिए अहम् बताया । उन्होंने कहा कि अश्व अनुसंधान केंद्र पर चल रहे अश्व सफारी एवं अश्व संग्रहालय पर्यटन विकास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
हिंदी पत्रकारिता को रोचक बनाती है शायरी : डॉ मेहता राष्ट्रीय
अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर पर आज हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ एस सी मेहता ने कहा की शायरी हिंदी पत्रकारिता को रोचक बनती है, क्योंकि चाहे आप संसद के अन्दर होने वाले संवाद सुने, बजट भाषण सुने या टीवी पर कोई चर्चा, हर प्रबुध्द जन अपनी बात को वजन देने के लिए एवं उस ओर सभी का ध्यान आकर्षित करने के लिए शेर, शायरी अथवा किसी दोहे -चोपाई का प्रयाग करता है । हमें भी आज के इस अंग्रजी दौर में हिंदी एवं हिंदी पत्रकारिता को रोचक बनाने के लिए इस तरह के प्रयोग करने चाहिए । उन्होंने दुष्यंत कुमार की प्रमुख रचना “हो गई पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए “ एवं मिर्जा ग़ालिब के कुछ शेर भी सुनाए । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ नासिर जैदी ने अपने वक्तव्य को शेर एवं शायरियों के बेहतरीन प्रयोग से इतना रोचक बना दिया की सभी दिल से वाह वाह कर उठे । उन्होंने कहा की पत्रकारिता के लिए सबसे पहले आप इन्सान अच्छे होने चाहिए, आपकी छवि एवं कार्यशेली प्रभावी होनी चाहिए एवं जब शब्दों का चयन करें तो वह आकर्षित करने वाले शब्द होने चाहिए । उन्होंने कालांतर में हुए कई कवि, रचनाकार जैसे कबीर, रसखान , मुंशी प्रेम चंद आदि से सम्बन्धित कई विशिष्ठ बातें बताई । इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि कवि राजाराम स्वर्णकार ने अपनी बात कविताओं के माध्यम से रख कर श्रोताओं पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डूंगर महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ एजाज अहमद कादरी थे उन्होंने देश के सभी भागों में हिंदी को अपनाने पर बल दिया । कार्यशाला का संयोजन केंद्र के राजभाषा अधिकारी कमल सिंह ने किया एवं कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारीयों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया ।