टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर, 03 फ़रवरी। मुक्ति संस्था के तत्वावधान में तीसरे पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है । मुक्ति संस्था के सचिव कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने बताया कि इन पुरस्कारों के लिए देश भर के राजस्थानी साहित्यकारों से पुस्तकें आमंत्रित की गई थी । जोशी ने बताया कि राजस्थानी कथा साहित्य की अठारह पुस्तकें प्राप्त हुई थी । निर्णायक मंडल द्वारा गहन अध्ययन के उपरांत राजस्थानी महिला लेखन के लिए जयपुर की कथाकार प्रेमलता सोनी की राजस्थानी कहानी संग्रह “रावणखंडी” पर ग्यारह हजार रुपये का राजस्थानी महिला लेखन का पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की गई है । जोशी ने बताया कि ग्यारह हजार रुपये का दूसरा राजस्थानी कथा पुरस्कार श्री डूंगरगढ के प्रतिष्ठित राजस्थानी साहित्यकार डाॅ.मदन सैनी को उनके कहानी संग्रह “आस-औलाद” के लिए दिया जाएगा। तीसरे पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी पुरस्कार के लिए प्राप्त पुस्तकों में कहानी, उपन्यास एवं लघुकथाओं की बेहतरीन पुस्तकें मिली थीं, जो राजस्थानी साहित्य को अन्य भारतीय भाषाओं के साथ खड़ा करती दिखाई देती हैं ।
पोकरमल राजरानी गोयल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. नरेश गोयल ने उन लेखकों के प्रति आभार व्यक्त किया है जिन्होंने संस्था के आग्रह पर पुस्तकें भेजी थीं। डॉ.गोयल ने बताया कि 27 सितम्बर 1973 को जन्मी प्रेमलता सोनी की हिन्दी और राजस्थानी में तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, लोक प्रशासन में पोस्ट ग्रेजुएट सोनी 2022 में साहित्य समर्था, त्रैमासिक पत्रिका द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता’ में कहानी’ और धरण खिसक गई’ पुरस्कृत हुई। राजस्थान साहित्य अकादमी के आंशिक आर्थिक सहयोग से पहला उपन्यास “मंडी गैंग”पिछले वर्ष ही प्रकाशित हुआ है। 2023 में ही राजस्थानी कहानी संग्रह है “रावणखंडी” प्रकाशित हुआ।
डाॅ. गोयल ने बताया कि 03 मई 1958 को जन्मे डाॅ.मदन सैनी की दस हिन्दी एवं सात राजस्थानी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं , गोयल ने बताया कि जागती जोत एवं राजस्थली के सम्पादक रहे डाॅ.मदन सैनी सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं ख्यातनाम भाषाविद है। उन्होंने बताया कि सैनी एक अनुवादक एवं शोधार्थी है।
निर्णायक मंडल में साहित्यकार- सम्पादक-रंगकर्मी मधु आचार्य “आशावादी” कवियत्री-आलोचक डाॅ. रेणुका व्यास एवं साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार शामिल थे।
मार्च माह के मध्य में बीकानेर में आयोजित समारोह में डाॅ. मदन सैनी एवं प्रेमलता सोनी को पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार अर्पित किये जाएंगे ।