टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर / गंगाशहर ,28 फ़रवरी। बाफना स्कूल के भंवरी देवी ऑडिटोरियम में जीवन विज्ञान विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन मुनि चैतन्यकुमार अमन के सानिध्य में आयोजित किया गया। विद्यार्थियों एवम् अध्यापक – अध्यापिकाओं को सम्बोधित करते हुए मुनि श्री चैतन्यकुमार अमन ने शिक्षा और संस्कार विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा का ग्राफ बहुत बढ़ रहा है। शिक्षा का ये बढ़ता रुझान विद्यार्थियों तथा अभिभावकों के मन में भी अपनी जगह बना रहा है। किन्तु इससे हमारी संस्कृति और संस्कारों को बढ़ावा नही मिल रहा है। संस्कार विहीन शिक्षा व्यक्ति के लिए भारभूत बन रही है। अब आवश्यकता इस बात की है कि शिक्षा और संस्कार दोनों में तालमेल हो। आज प्रत्येक विद्यार्थी जीवन में कुछ उत्कृष्ट करना चाहता है। विद्यार्थी को अपने जीवन में कुछ बनने का नहीं बल्कि कुछ होने का प्रयत्न करना चाहिए। बनने में मात्र वेश परिवर्तन करना होता है और होने में जीवन को परिवर्तित करना होता है। महापुरुषों के आदर्शों को आत्मसात करने वाला ही कुछ सार्थक हो सकता है जो कि नितान्त जरूरी है।
मुनि अमन ने आगे कहा- दीर्घ श्वास और महाप्राण ध्वनि का निरंतर अभ्यास से व्यक्ति अपना सर्वांगीण विकास कर सकता है। केवल बौद्धिक विकास करें तो यह खतरनाक हो सकता है। शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास होने पर ही सर्वांगीण विकास हो सकता है। अध्यापक वर्ग के हाथों में राष्ट्र की भावी पीढ़ी के रूप में विद्यार्थी वर्ग है जिनका सर्वांगीण विकास करना ही अध्यापकों का नैतिक कर्तव्य है।
इस अवसर पर मुख्य उपासक प्रशिक्षक निर्मल नौलखा ने विद्यार्थीयो को उद्बोधित करते हुए विकास मार्ग पर बढ़ने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का संचालन अध्यापिका अमिता सेठिया ने किया। मुनिवर का स्वागत व आभार स्कूल के वाइस प्रिंसीपल जितेन्द्र शर्मा ने किया। सीईओ डाॅ पीएस वोहरा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ट अध्यापक मनोज जैन की प्रमुख भूमिका रही। डाॅ वोहरा द्वारा स्कूल की ओर से आभार प्रदर्शित किया गया। विद्यार्थीयों ने नियमित श्वांस दर्शन एवम् महाप्राण ध्वनि करने का आश्वासन दिया।