टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर 12 मार्च । आज अंतर्राष्ट्रीय ग्लौकोमा दिवस है , ग्लौकोमा जिसे सामान्य प्रचलित रूप से ग्लूकोमा भी बोला जाता है, ये दिवस आम जनता में आंखो में होने वाले ग्लूकोमा को लेकर जागरूकता,और जानकारी के लिए निर्धारित किया गया है।
ग्लूकोमा आंखो की एक गंभीर समस्या है,या यूं कहे कि आंखो की बहुत सी असामान्यताओं का एक समूह है जिसमे आंखो के अंदर का दबाव जिसे इंट्रा ऑक्यूलर प्रेशर कहते है, बढ़ जाता है जो ऑप्टिक नर्व ,जो एक महत्वपूर्ण तंत्रिका है जो प्रतिबिंब के संकेतो को मस्तिष्क तक पहुंचाती है,पर दबाव पड़ता है ,इस दबाव के कारण ये ऑप्टिक तंत्रिका को क्षति पहुंचने लगती है जिस से धीरे धीरे नज़र कम पड़ने लगती है और अंत में अंधता हो जाती है। ग्लूकोमा का समय रहते निदान बहुत जरूरी है क्योंकि इस बीमारी के कारण जो नज़र कम होती है वो हमेशा के लिए कम हो जाती है उसे हम पुनः नहीं ला सकते यानी इसकी रोकथाम ही संभव है।
पूरे विश्व में ग्लूकोमा अंधता का दूसरा बड़ा कारण है और अंधता प्राप्त कर चुके लोगों में करीब 12 प्रतिशत इस बीमारी से पीड़ित है।भारत में लगभग 1करोड़ लोग ग्लूकोमा से ग्रसित है और ये दुःख की बात है की इस संख्या में प्रति वर्ष वृद्धि हो रही है।
ग्लूकोमा के प्रारंभिक लक्षणों पर गौर करे तो ये बिना लक्षणों के भी हो सकता है इसीलिए इसे “साइलेंट स्टीलर ऑफ़ विजन ” यानी चुप चाप नजर खत्म कर देने वाली आंखो की बीमारी भी कहते है।इसके अतिरिक्त शुरुआती लक्षणों में , बिजली के बल्व या लाइट सोर्स के चारो और इंद्रधनुष की तरह चक्र दिखना , बार बार विशेष रूप से नजदीक के चश्मे के नंबर बदलना,हल्के से तेज सिर दर्द बने रहना,धुंधला दिखना,आंखो में लाली आना, पानी गिरना,जी मचलना ,उल्टी आना आदि भी हो सकता है।
कुछ लोगो में ग्लूकोमा होने की संभावना ज्यादा होती है जैसे 40 वर्ष से अधिक उम्र ,या जिनके परिवार का कोई सदस्य ग्लूकोमा से पीड़ित हो, मधुमेह ,उच्च रक्तचाप, निकट दृष्टि दोष,या उच्च दूर दृष्टि दोष हो , इसके अलावा मदिरापान सिगरेट पीने की आदत ,उच्च वसा युक्त भोजन तथा अनियंत्रित जीवन शैली वाले व्यक्तियों में इसके होने की संभावना अधिक होती है।
इसके उपचार की बात करे तो मेडिसिन ,आई ड्रॉप्स,तथा शल्यचिकित्सा से भी इसका उपचार हो सकता है इसके अलावा आंख का दबाव नियंत्रित करने के लिए अलग अलग प्रकार के वाल्व भी नेत्र विशेषज्ञ की राय से लगाए जा सकते है।
यदि उपरोक्त बताए गए लक्षणों में आप को कोई लक्षण हो तो आप को नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।
चूंकि कई बार बिना किसी तरह के लक्षण के भी ग्लूकोमा हो सकता है अतः ऐसे व्यक्तियों को जिनमे ग्लूकोमा होने की संभावना अधिक होती है जैसा बताया गया है, उन्हें समय समय पर योग्य नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेते रहना चाहिए ताकि भविष्य में इससे होने वाली अंधता को रोका जा सके।
डॉ.दिनेश शर्मा
प्रमुख विशेषज्ञ( नेत्ररोग विभाग)
सेटेलाइट अस्पताल बीकानेर