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बीकानेर 12 मई । श्री मरुनायक सनातन धर्म कन्या पाठशाला में राती घाटी समिति द्वारा आयोजित बीकानेर की स्थापना में साहूकारों का योगदान विषय पर प्रमुख अतिथि समाजसेवी, उद्योगपति राजेश चूरा एवं मरुणायक मंदिर ट्रस्ट के मंत्री गोपाल कृष्ण मोहता की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में चूरा एवं मोहता के साथ मंचस्थ सर्वश्री जानकी नारायण श्रीमाली, डॉ. राजेन्द्र जोशी एवं पुरूषोत्तम सेवग द्धारा राव जैतसी के चित्र पर माल्यार्पण कर गोष्ठी का शुभारंभ किया।
पंडित ओम नारायण श्रीमाली ने वैदिक मंगलाचरण किया और जानकी नारायण श्रीमाली ने स्वागत भाषण तथा विषय प्रवर्तन किया। श्रीमाली ने कहा राती घाटी युद्ध के शोध परिणामों को आज राष्ट्र और विश्व स्तर पर चर्चा हो रही हैं।
अपने बीज भाषण में डॉ. राजेन्द्र जोशी ने कहा कि बीकानेर की स्थापना में राव बीका की तलवार के साथ साहूकारों के धन बल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है गिल्ला, गद्दी और गुमास्ता के तीन सिद्धांतो पर जीवन जीने वाले साहूकारों ने रियासत पर जब जब खतरा या राजा की गद्दी खतरे में आई दीवान साहूकारों ने तारणहार के रूप में काम किया , हजारों मील दूर जाकर धन कमाकर लाते और रियासत के उत्थान के लिए सदैव सहायता करते थे इस प्यासे मरू प्रदेश को जीवन योग्य और नखलिस्तान बनाने में साहूकारों ने निष्काम पुरुषार्थ किया , तालाब, कुएं ,धर्मशाला स्कूल और नहर रेल मार्ग के लिए खुले हाथों से दान दिया था।
डॉ. जोशी की प्रभावी प्रस्तुति पर सदन हर्ष विभोर हो उठा।
डॉ. जोशी द्वारा प्रस्तुत विषय को आगे बढ़ाते हुए सर्वश्री डॉ. भीम सिंह राजपुरोहित, डॉ. निर्मल कुमार रांकावत, डॉ. राजशेखर पुरोहित, डॉ. रमेश पुरी, डॉ. घनश्याम शर्मा, डॉ. कृष्णा आचार्य, सुरेन्द्र व्यास और राजाराम स्वर्णकार ने भी अपने विचार प्रकट किए।
पं. ब्रजेश्वर लाल व्यास ने बीकानेर स्थापना से आज तक चली आ रही परंपराओं से पोषित बीकानेर की लोक संस्कृति को अद्भुत विशेषताओं को रोचक – रोमांचक शैली में प्रस्तुत करते हुए अनेक उदाहरण दिए। व्यास ने माहेश्वरी और पुष्करणा समाज के प्रगाढ़ संबंधों पर प्रकाश डाला।
प्रमुख अतिथि राजेश चूरा ने कहा कि बीकानेर धर्म, कला, साहित्य, संस्कृति आदि समस्त क्षेत्रों में सारे विश्व में अपनी विशिष्ट पहचान रखता हैं। इतिहास की शोध के अति चुनौति पूर्ण कार्य को राती घाटी समिति ने सफल किया हैं। आज राती घाटी युद्ध भारत का गौरव बन चुका है।
भारतीय इतिहास संकलन समिति के मरू प्रांतीय संपर्क प्रमुख डॉ. अशोक शर्मा ने सन् 1985 से आज तक की राती घाटी शोध यात्रा पर प्रकाश डाला।
सभा अध्यक्ष गोपाल कृष्ण मोहता ने मरुनायक मंदिर में आयोजन पर हर्ष प्रकट करते हुए सभी का आभार प्रकट किया। सभा का संयोजन पुरूषोत्तम लाल सेवग ने किया।
गोष्ठी में पवन कुमार राठी, महावीर सिंह पवार, प्रदीप सिंह चौहान, भंवर सिंह बीका, नारायण जोशी, ओंकार हर्ष, वीरेंद्र किराडू, पंडित विष्णु कान्त व्यास, शक्ति प्रसन्न बीठू, शिव शंकर चौधरी, धर्मेन्द्र गोदारा, मांगीलाल व्यास, नारायण दास व्यास, गोपाल दास व्यास, वल्लभ व्यास व शान्ति कुमार मारू आदि की सक्रिय सहभागिता रही।