टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर 18 जुलाई। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तृतीय एवं इकाई चतुर्थ के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम अधिकारी अंजू सांगवा और सुनीता बिश्नोई एवं स्वयंसेवकों द्वारा “अमृत पर्यावरण महोत्सव” कार्यक्रम के तहत ग्रीन केंपस इनीशिएटिव गतिविधि का आयोजन किया गया साथ ही भारत सरकार के कार्यक्रम “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत विविध पौधे लगाकर तथा वर्ष पर्यन्त उन पौधों की देखरेख करने की शपथ लेकर महाविद्यालय परिसर को हरा भरा बनाने का प्रण लिया गया।
कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ नंदिता सिंघवी तथा अमृत पर्यावरण महोत्सव कार्यक्रम प्रभारी डॉ आभा ओझा व कार्यक्रम के अतिथि राजस्थान के प्रसिद्ध इतिहादविद अरविंद भास्कर और राजकीय डूंगर महाविद्यालय के इतिहास विषय के सहायक आचार्य डॉ श्रीराम नायक तथा महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी उस्मान अली ने स्वयंसेवको के साथ मिलकर विविध प्रजाति के पौधे लगाए।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ नंदिता सिंघवीं ने कहा कि पदम् पुराण के अनुसार बड़े वृक्ष देव स्वरूप है पीपल भगवान विष्णु, वट भगवान रुद्र व उनके पत्ते ब्रह्म स्वरूप होते हैं इन सब के दर्शन, पूजा व सेवा से पाप, दुख,आपत्ति, रोग व दुष्टों के विनाश में सहायक है उन्होंने स्वयं सेवकों को महाविद्यालय,अपने घर, विभिन्न उद्यानों एवं मंदिर परिसर में पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया साथ ही उन्होंने जामुन का पेड़ लगाकर उसका रखरखाव करने का प्रण लिया। डॉ आभा ओझा ने बेजुबान जीव जंतुओं के लिए पानी की व्यवस्था के लिए छात्राओं को प्रेरित किया तथा पालसीओ में पानी भरा। कार्यक्रम अधिकारियों अंजू सांगवा व सुनीता बिश्नोई द्वारा ग्रीन केंपस इनीशिएटिव गतिविधि के तहत वॉलिंटियर्स के ग्रुप बनाकर महाविद्यालय परिसर को हरा भरा बनाने की रूपरेखा तैयार करते हुए समूहों के बीच लगाए गए पौधों की देखरेख करने की जिम्मेदारी का विभाजन किया गया। कार्यक्रम में एनएसएस स्वयंसेविकाएं निकिता प्रजापत, स्वरुप शर्मा, रेणुका गौड तथा अन्य उपस्थित रही।
है संकल्प अगर तो इंसान का सोचा हुआ टलता नहीं…- प्रोफेसर नंदिता सिंघवी
बीकानेर, 18 जुलाई। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर में “इतिहास विभाग” द्वारा छात्रों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें इतिहास के साथ-साथ अन्य विषय की छात्राओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। व्याख्यान देने के लिए मुख्य वक्ता के रुप में राजस्थान के जाने-माने व चर्चित इतिहासविद अरविंद भास्कर और राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर के इतिहास विषय के सहायक आचार्य डॉ श्रीराम नायक पधारे। सर्वप्रथम इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता बिश्नोई ने मुख्य वक्ताओं का परिचय बताते हुए छात्राओं को इतिहास विषय के अध्ययन की सामान्य रुपरेखा प्रस्तुत की। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ नंदिता सिंघवी ने इतिहास विभाग द्वारा महाविद्यालय के बच्चों के लिए प्रतियोगिता परीक्षा पर समय समय पर कार्यशाला आयोजित करवाने की सराहना की।
प्राचार्य ने अपने जीवनानुभवो के वृतांत सुनाते हुए छात्राओं को जीवन की हर परिस्थिति में डट कर खड़े रहने व शिक्षा को जीवन का मूलमंत्र बनाने की सीख दी। मुख्य वक्ता अरविंद भास्कर ने भी अपने कॉलेज के दिनों की शिक्षा पद्धति के किस्से सुनाते हुए छात्राओं के साथ इतिहास विषय की विस्तृत जानकारी साझा की तथा इतिहास अध्ययन में बहुउपयोगी पुस्तकों की चर्चा करते हुए कहा कि संदर्भित पुस्तकों से ही वास्तविक ज्ञान होगा जो आपकी सफलता में सहायक होगा । सहायक आचार्य डॉक्टर श्री राम नायक ने अपने वक्तव्य में छात्राओं को समय की कीमत बताते हुए कहा की सफलता का कोई शॉर्टकट नही होता। साथ ही इतिहास विषय अध्ययन के महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा की। महाविद्यालय की सहायक आचार्य अमृता सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कॉलेज शिक्षा के पाँच वर्षों का छात्रा जीवन में महत्त्व बताते हुए वनवीक प्रणाली से दूर रहने व समय को साथ लेकर चलने, सोशल मीडिया से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। अंत में सहायक आचार्य अंजू सांगवा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। व्याख्यान में प्रो. शशि वर्मा, स्टार्क फाउंडेशन के श्रीमती मीनू मोदी,भावना खत्री, सोनल पारीक व गौतम पांडेय और महाविद्यालय की इतिहास विभाग व अन्य छात्राएं उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों द्वारा महाविद्यालय की “सुदर्शन वाटिका” में पौधे लगाकर “एक पेड़ मां के नाम” से पौधे लगाकर “अमृत पर्यावरण महोत्सव” कार्यक्रम में सहयोग दिया ।