टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर जिले के रा. उच्च प्राथमिक विद्यालय रानीसर पट्टा पूगल में मैदान में बिठाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
आखिरकार यहां के लोगों ने 2 लाख रुपए का चंदा जुटाकर अपने दम पर बच्चों के लिए छाया करने का बीड़ा उठाया है।
बीकानेर 21 जुलाई । शैक्षिक विकास और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़ी संख्या में स्कूल खोले जा रहे हैं, किन्तु धरातलीय हालत अलग है। बीकानेर जिले के रा. उच्च प्राथमिक विद्यालय रानीसर पट्टा पूगल में मैदान में बिठाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
यहां आठ कक्षाओं के लिए मात्र दो कक्षा कक्ष ही उपलब्ध होने के कारण ये स्थिति है इसी कारण बच्चे खुले आसमान के नीचे मजबूरन पढ़ाई कर रहे हैं। विद्यालय का सामान भी आसपास के जर्जर भवनों में डाल रखा है। विद्यालय में भवन न होने के कारण अभिभावक बच्चों को नहीं भेजना चाहते एवं टीसी की मांग कर रहे हैं। जैसे तेसे समझाइश कर नामांकन एवं ठहराव सुनिश्चित कर रहे हैं।
सरकार और प्रशासन ने जब जब समस्या सुलझाने की बजाय अपनी आंख मूंद ली तब तब जनता को कमान अपने हाथ में लेनी पड़ी। बीकानेर जिले के गांव रानीसर पट्टा पूगल के ग्रामीणों ने प्रशासन को इसी तरह से आइना दिखाकर नजीर पेश करने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों ने 2 लाख रुपए का चंदा जुटाकर बच्चों के लिए छाया करने का जुगाड़ किया जा रहा है। इनकी समस्या को न सरकार ने सुना और न सरकार के कारिंदों ने, जब गांव वाले सरकारी स्तर पर शिकायतें करते करते थक गए तो उन्होंने खुद ही इस समस्या का कुछ हद तक हल निकालने की ठानी। आखिरकार यहां के लोगों ने 2 लाख रुपए का चंदा जुटाकर अपने दम पर बच्चों के लिए छाया करने का बीड़ा उठाया है।
ये आग बरस रही है और UPS Ranisar पट्टा पूगल में मात्र दो कक्षा कक्ष है 8 कक्षाओं के लिए। अब कैसे तो नामांकन करें ओर कहां बैठाएं नन्हें मुनों को, सरकार से निवेदन है कि खिंपों का ही छपरा बनवो दो।
ग्रामीणों ने बताया कि SMC द्वारा कई बार प्रस्ताव भेजा जा चुका है और ग्रामीणों द्वारा भी लगातार मांग की जाती रही है ।
इस स्कूल में कक्षाएं 7 स्टॉफ और 95 बच्चे मौजूद है
बैठक व्यवस्था न होने से 6 किलोमीटर दूर निजी विद्यालयों में पूगल जाते है बच्चे
1978 में प्राथमिक और 2008 में उच्च प्राथमिक विद्यालय में कर्मोनत हुआ था।