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स्वामी विशोकानंद भारती महाराज के सानिध्य में 31 बटुको ने धारण किया यज्ञोपवीत संस्कार
बीकानेर, 20 जुलाई । हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी धनीनाथ गिरी मठ पंच मंदिर कोटगेट बीकानेर के प्रांगण में निर्वाण पीठाधीश्वर राजगुरु महामंडलेश्वर स्वामी श्री विशोकानंद भारती जी महाराज के सानिध्य में 31 बटुको ने यज्ञोपवीत धारण की वैदिक परंपरा के अनुसार यज्ञोपवीत संस्कार अनुष्ठान पंडित विजय कुमार व्यास पंडित आशीष व्यास ने संपूर्ण कराया सभी बटुको को महाराज जी ने मंत्र दिक्षा दे कर वैदिक परंपरा के अनुसार पूजन यज्ञ आदि पूर्ण कराए।
इस अवसर पर मठ के न्यासी भवानी शिंह राठौड़ , मोडाराम सोलंकी , पूजन अनुष्ठान के साधक पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच , वेदपाठी प प्रकाश शर्मा शंकर शिंह राठौड़ , गोविंद श्रीमाली , अशोक शर्मा शास्त्री पं.यज्ञप्रसाद शर्मा कथा वाचक मुरली मनोहर व्यास आदि सहित बड़ी संख्या में महिलायें पुरुष उपस्थित रहे।
प्रवचन – स्वामी जी कहा कि सनातन धर्म के सोलह संस्कार में से एक यज्ञोपवीत संस्कार है ब्राह्मण बालकों के अलावा क्षत्रिय वैश्य को यज्ञोपवीत धारण का विधान है तीन पहर संध्या पूजन गायत्री जप व्यक्ति का तेज व तप में वृद्धि दायक है सनातन परंपरा के अनुसार आचरण सभी का धर्म है बटुको व श्रदालुओ को गुरु पूर्णिमा पूजन में अवश्य सहभागी बनने का भी बताया ।