टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
कायस्थ समाज का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया
बीकानेर 10 नवम्बर। श्री चित्रगुप्त वंशीय सभा की और से वार्षिक स्थापना दिवस श्री चित्रगुप्त भवन “रानी बाजार में ,रविवार शाम को उत्सव के रूप में मनाया गया।सचिव जितेन्द्र माथुर ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतुल कुमार सक्सेना, जिला न्यायाधीश बीकानेर व संस्था अध्यक्ष डॉ ओ.पी.श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती का माल्यार्पण तथा भगवान चित्रगुप्त की आरती से शुभारंभ किया गया।
तत्पश्चात रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई जिसमें श्रेया, साँची,रिया,वेरोनिका व मुस्कान ने सरस्वती वंदना से आगाज किया।बाल कलाकार काशवी के एकल नृत्य”मैंने पायल है छनकाई ” ,अदिशा के गीत चुरा लिया है तुमने जो दिल को” ने मन मोहा वहीं मास्टर रवित के डांस ने और श्रीमती निधि,श्रीमती मोनिका व श्रीमती दिव्या ने राजस्थानी घूमर से समा बांधा। महिला प्रकोष्ठ की नृत्य नाटिका ” एक कोशिश “ने समाज को सार्थक संदेश दिया।
मुख्य अतिथि व पदाधिकारियों ने वृद्धजन श्रेणी में डॉ सत्य नारायण माथुर व श्री गणेश चंद्र माथुर का शॉल ओढ़ाकर व श्रीफल देकर अभिनंदन किया, वैवाहिक जीवन के स्वर्णिम 50 वर्ष पूरे करने पर डॉ. टी.एन नाग व श्रीमती मंजू नाग को सम्मानित किया गया।विशिष्ट उपलब्धि के क्षेत्र में डॉ. आयुषी श्रीवास्तव, डॉ. पी.एन. माथुर, अनय माथुर, पहल श्रीवास्तव तथा पदोन्नति सम्मान वर्ग में श्रीमती अंजू माथुर व डॉ अनुराधा सक्सेना को स्मृति चिन्ह प्रदान किए।
75%से अधिक अंक वाले 12 मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे भाग में डॉ वाई. बी .माथुर के गीत “छोड़ो कल की बातें ” ,अदिशा सक्सेना के वेस्टर्न डांस व ” कजरा मोहब्बत वाला “गीत पर महिलाओं के समूह नृत्य ने कार्यक्रम को परवान चढ़ाने का काम किया। सुश्री प्रकृति सक्सेना की भरतनाट्यम पर प्रस्तुति,बाल कलाकारों के कालबेलिया डांस व श्रीमती मीनाक्षी सक्सेना के एकल नृत्य ने सभी को प्रभावित किया।
मुख्य अतिथि अतुल सक्सेना ने कायस्थ समाज के गौरवशाली इतिहास को बताते हुए युवा वर्ग का आव्हान किया कि विरासत में प्राप्त परंपरा व नैतिक मूल्यों को आत्मसात कर वर्तमान की चुनौतियों का जीवटता से मुकाबला करे और राष्ट्र निर्माण में योगदान करे।उन्होंने बताया कि कलम की ताकत के सही उपयोग करने से ही हमारी पहचान है अध्यक्ष डॉ ओ.पी.श्रीवास्तव द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। सहभोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।