टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
स्वामी श्री सोमेश्वरानंद का 32 वां निर्वाण महोत्सव समाधि पूजन और वेदांत सम्मेलन पूर्वक संपन्न हुआ।
निर्वाण दिवस स्मरण करने और स्मरण कराने का भी अवसर है।
स्वामी सोमेश्वरानंद जी ने सदाचारी सनातन धर्म समाज का निर्माण किया –विशोकानंद महाराज
बीकानेर 10 नवंबर । आज श्री धनीनाथ गिरी मठ में ब्रह्मलीन स्वामी श्री सोमेश्वरानंद जी के 32 वें निर्वाण दिवस पर प्रातः आचार्य महामंडलेश्वर, राजगुरु स्वामी विशोकानंद महाराज ने शिष्यों सहित समाधि पूजन किया।
इसके बाद श्री पंच मंदिर प्रांगण में वेदांत सम्मेलन, गुणी जन सम्मान और प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र – छात्राओं का सम्मान किया गया। इस समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी विशोकानंद महाराज ने कहा कि संत संस्कारवान मानव निर्माण हेतु अपना जीवन सर्वस्व अर्पित करते हैं। मानव की पशु वृत्ति को देवी संपदा बनने की प्रेरणा देते हैं। हमारे विवाह पद्धति पशु भाव की निवृत्ति करती है। इसी से कालजई वैदिक समाज की रचना हुई है।
समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी विमर्शानंद गिरी शिव मठ, शिवबाड़ी ने कहा कि सनातन संस्कृति वेदमूलक है इस संस्कृति को हमारे महापुरूषों ने सदाचारी मानव का निर्माण कर विश्व संस्कृति का स्वरूप प्रदान किया है प्रत्येक मानव के हृदय में राम विराजमान है। उन्हें पहचानिए।
स्वामी तपेश्वर दास जी, स्वामी राजेंद्र नंद ने ब्रह्मलीन सोमेश्वरानंद जी का भावपूर्ण स्मरण करते हुए संतों के महत्व पर प्रकाश डाला। संत मोहनदास जी ने भक्ति संगीत प्रस्तुत किया। इस समारोह में समाज सेवी व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया गया। गोवर्धन व्यास, श्री भगवान अग्रवाल, दिग्विजय सिंह राठौड़, जुगल किशोर पुरोहित, वैध प्रद्युमन भारद्वाज सभी बीकानेर तथा श्रीमती मीनाक्षी दवे जोधपुर को शॉल श्रीफल प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इसी प्रकार वीर सावरकर पर्यावरण एवं सेवा समिति बीकानेर निराश्रित गोवंश सेवा समिति नोखा के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। समारोह में श्रद्धालु स्त्री पुरूषों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया।