टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
ग्रीन आडिट एवं कैम्पस पर चार दिवसीय कार्यशाला
ग्रीन ऑडिट द्वारा शैक्षणिक प्रयोगशाला का निर्माण
एनईपी 2020 एवं ग्रीन ऑडिट के बारे में कार्यशाला में दी जानकारी
चौदह विभागों से नांमाकित 40 विधार्थी बने ग्रीन अम्बेसडर
बीकानेर, 03 दिसंबर। राजकीय डूंगर महाविद्यालय में बीआईआरसी व आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में ग्रीन ऑडिट एवं ग्रीन कैम्पस विषय पर चार दिवसीय कार्यशाला का समापन मंगलवार को प्राचार्य हुआ। इस दौरान डाॅ. आर के पुरोहित, मुख्य अतिथि वापी के उद्योगपति पी डी बोहरा, आईक्यूएसी प्रभारी डाॅ. दिव्या जोशी, समन्वयक डाॅ. हेमेन्द्र भंडारी, बीआईआरसी के फाउंडर डायरेक्टर डॉ. नरेंद्र भोजक एवं 40 विद्यार्थी अंबेसडर की उपस्थिति में हुआ।
समापन सत्र में अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डाॅ. आर.के. पुरोहित ने डूंगर काॅलेज को देश की शैक्षणिक प्रयोगशाला बताते हुए ग्रीन कैम्पस के विभिन्न आयामों को रेखांकित किया। आईक्यूएसी समन्वयक डाॅ. दिव्या जोशी ने कहा कि डूंगर महाविद्यालय नवाचारों की उद्गम स्थली है और इसी से आज इस काॅलेज की अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर साख बनी है। समन्वयक डाॅ. हेमेन्द्र भंडारी ने कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि चार दिनों में पांच सत्रों में 40 चयनित स्नातकोत्तर विद्यार्थियों व शोधार्थियों को ग्रीन आडिट के 10 बिन्दुओं एवं ग्रीन कैम्पस के 20 आयामों पर सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया।
ग्रीन आडिटिंग एक नया विषय होते हुए प्राचीन परम्पराओं पर आधारित होने के कारण सम्पूर्णता को लिए हुए है। यह टिकाऊ विकास का पथ प्रदर्शक है। इस कार्यशाला के माध्यम से आज चयनित विद्यार्थी ग्रीन आडिटिग के क्षैत्र में रोजगार प्राप्त करने के साथ साथ सामाजिक विज्ञान में महत्वूपर्ण भूमिका निभा सकते है। कार्यशाला में डाॅ. राजाराम, डाॅ. एस.एन. जाटोलिया, डाॅ. सुनीता मण्डा, डाॅ. राजेन्द्र सिंह, डॉ एच एस भण्डारी की सहभागिता रहीे।