टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
व्यावसायिक संचार और सॉफ्ट स्किल सर्टिफिकेट कोर्स संपन्न, प्रतिभागियों को दिए प्रमाण पत्र
पूर्व छात्र मदन सिंह राठौर की स्मृति में सर्वोच्च अंक पर प्रावीण्य पदक
बीकानेर, 02 दिसंबर। राजकीय डूंगर महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की ओर से बिजनेस कम्युनिकेशन के लिए संचालित वैल्यू ऐडेड सर्टिफिकेट कोर्स का समापन सोमवार को हुआ। तीस घंटेअवधि वाले इस कोर्स का उद्देश्य विद्यार्थियों के बेहतर प्लेसमेंट के लिए उनके संचार कौशल, साक्षात्कार दक्षता, नेतृत्व क्षमता विकास जैसे गुणों को प्रभावी बनाना था। कार्यक्रम में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के 46 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने विभिन्न व्यावहारिक सत्रों और कार्यशालाओं में हिस्सा लिया।
समापन समारोह की मुख्य अतिथि डूंगर महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ. कृष्णा राठौड़ तोमर ने विद्यार्थियो को प्रमाणपत्र वितरित किए। डॉ. तोमर ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में सॉफ्ट स्किल्स और व्यावसायिक संचार, सफलता की कुंजी है। इस तरह के कार्यक्रम युवाओं को अपने करियर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होंगे।
महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. राजेंद्र पुरोहित ने अध्यक्षता करते हुए विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया और ऐसे कोर्सेज की व्यवहारिक महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस तरह के कोर्सेज से प्रतिभागियों को न केवल सिद्धांत बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त होता है।
अंग्रेजी विभाग प्रभारी डॉ. दिव्या जोशी ने बताया कि अल्पकालिक पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुसार शुरू किए गए हैं। यह अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को प्लेसमेंट में सहायता प्रदान करते हैं। इस तरह के कोर्स छात्रों को व्यावसायिक दुनिया में आत्मविश्वास के साथ संवाद करने और प्रभावी ढंग से अपनी बात रखने के लिए प्रशिक्षित करता है।
समापन कार्यक्रम में अंग्रेजी विभाग से कोर्स कॉर्डिनेटर डॉ सोनू शिवा, डॉ मनीष महर्षि, डॉ शशिकांत आचार्या, डॉ पूनम चारण, डॉ संपत भादू उपस्थित रहे। संचालन सह संयोजक डॉ. सुनील दत्त व्यास ने किया।उन्होंने अतिथियों का स्वागत तथा आभार व्यक्त किया और प्रतिभागियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। डूंगर महाविद्यालय पूर्व छात्र समिति द्वारा एमए अंग्रेजी के प्रवीण्य पदक का वितरण भी किया गया। स्व मदन सिंह राठौड़ की स्मृति में डॉ कृष्णा राठौर तोमर ने विगत तीन वर्षों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र तथा प्रवीण्य पदक प्रदान किए।