टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
चाईनीज मांझा मानव व परिंदों का क़ातिल
बीकानेर, 15 जनवरी । मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का दौर शुरू हो गया है। इस बीच, पतंग उड़ानें में चाइनीज मांझे का इस्तेमाल भी शुरू हो गया है। चाइनीज मांझे की चपेट में आने से दुपहिया वाहन चालक व पक्षियों की सामत आ गई तथा आमजन घायल हो रहे हैं। हालांकि, जिला प्रशासन ने इसके प्रयोग पर सख्ती से पाबंदी लगा रखी है फिर भी दुकानदार चोरी छिपे चाइनीज मांझा बेचकर मौत का पैगाम दे रहे हैं।
इसे देखते हुए सूरत ( गुजरात) में बीकानेर राजस्थान से आए सामाजिक कार्यकर्ताओं भूरमल सोनी, विनोद सहदेव, योगेश सोनी, प्रशंसा, नीलकमल, कनक कंचन, अमोलक सोनी, इन्दु सोनी आदि द्वारा चाइनीज मांझे के ख़िलाफ़ सूरत में पतंगखरीददारो व बेचने वाले आमजन को जागरूक किया। चाईनीज मांझे से घायल लोगों के सचित्र पोस्टर्स में दर्शायाकर तथा पतंगों पर चाइनीज मांझे के खिलाफ स्लोगन लिखकर चीनी मांझे का इस्तेमाल वर्जित है… यह कानूनी जुर्म है, चीनी मांझे के उपयोग पर 5000 रू.का जुर्माना या एक साल की जेल हो सकती है।बच्चों को इस्तेमाल न करने की जानकारी दी जा रही है। राजस्थान बीकानेर से आये सामाजिक कार्यकर्ताओ ने चाइनीज़ मांझा घातक, जानलेवा मौत का पैगाम होने का सन्देश पोस्टरो को प्रदर्शित कर दिया।
स्लोगन में कहा गया है कि पुलिस धारा के अन्तर्गत कानूनी कार्यवाही कर जेल भेज सकती है। आमजन चोरी छिपे बेचने वाले दुकानदारो एवं प्रयोग करने पर तुरंत पुलिस को सूचना दे।चाइनीज मांझे के इस्तेमाल के खिलाफ जागरूकता रैली, पोस्टर्स प्रदर्शित कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कानूनी रोक होने के बावजूद शहर एवं देहात क्षेत्र की दुकानों पर चीनी मांझे की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। यही कारण है कि परिंदे व आमजन मांझे की चपेट आकर मौत के मुंह में काल बन रहे है।भारतीय दण्ड संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी जुर्म है उलंघन करने पर 5000 का जुर्माना या १साल की जेल हो सकती है।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2017 मे चाइनीज़ मांझे की बिक्री खरीद पर रोक लगा रखी है। फिर भी देश के कई शहरों में इसका इस्तेमाल व बिक्री जारी है. ।