टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
नए वर्ष में शब्दों की सरिता प्रवाहित हुई
बीकानेर 02 जनवरी। शास्त्री नगर में नए वर्ष के शुभारम्भ पर आयोजित कवि गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रियंका गांधी नारी सेवा समिति की अध्यक्ष डॉ.आशा भार्गव ने कहा कि हमारा बीकानेर साहित्य में अव्वल है। यहाँ साहित्य की एक अलौकिक धारा बहती है जिससे उच्च कोटि का सृजन होता है। कविता माध्यम है सटीक भावाभिव्यक्ति का।
कार्यक्रम की शुरूआत में डॉ.कृष्णा आचार्य ने सरस्वती वंदना करने के पश्चात अपनी रचना ‘नादान परिंदा भटक गया, वो बन गया बादल आवारा / वो अपने कुल को भूल गया, अब फिरता मारा मारा’ कासिम बीकानेरी ने अपनी ग़जल ‘खुशी का अपनी करूं आज कैसे मैं इजहार / बताऊँ क्या मेरे आंगन में आज उतरा चाँद’ कैलाश टाक ने अपनी रचना ‘आनन्द हो उल्लास हो / नया साल सभी के लिए खाश हो / आनन्द मंगल का उजास हो / जीवन की कठिन परीक्षा में पास हो सुनाई | शायर डॉ.नासिर जैदी ने ‘छुक-छुक रेल चली है जीवन की / छोटी बातों से मोटी खबरों तक ये ले जाएगी’ सुनाकर जीवन का सार रखा | मुख्य अतिथि राजाराम स्वर्णकार ने राजस्थानी में नए वर्ष का स्वागत अपनी रचना ‘लाड-कोड सूं हरख मनावां, सन पच्चीस थूं आ / नुंवै अटंग भाव बोध सूं करां थारी अगवाणी / चंदण चौक पुरावां कीरत फैलै चारूं कानी / कूं-कूं भरणा मांडा पगलिया हेत घणो दरसावां / बानरमाळ सजावां थनै मंगळ गीत सुणावां। सुनाकर तालियाँ बटोरी। प्रमोद कुमार शर्मा ने अपनी रचना ‘समय के पंख बड़े मजबूत / कोई कबीरा बुन देता है राम नाम का सूत / समय के पंख बड़े मजबूत सुनाकर ठन्डे वातावरण को उष्मित कर दिया। डॉ.करुणा भार्गव. मुक्ता तैलंग, हरविन्द्र कौर, रुचिरा भार्गव, सुधीर भार्गव, लोहित, वर्तिका, अलका, कुसुम गुप्ता, मुनीन्द्रप्रकाश अग्निहोत्री और राजेन्द्र गुप्ता ने भी अपनी रचनाओं से सभी को भावविह्वल कर दिया। छोटा नन्हा सा बालक मयूख ने देशभक्ति रचना की बड़ी भावपूर्ण प्रस्तुति देते हुए आश्चर्यचकित किया। कवि गोष्ठी का संचालन बाबू बमचकरी ने करते हुए अपनी हास्य-व्यंग्य रचनाओं से सभी को गुदगुदाया। उपस्थित सभी श्रोताओं के प्रति आभार अभिषेक भार्गव ने ज्ञापित किया।