नाटक जीवन से जुड़कर ही सार्थक हो सकता है – भटनागर

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टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )

नाटक जीवन से जुड़कर ही सार्थक हो सकता है – प्रदीप भटनागर

बीकानेर 11 फरवरी । नाटक मूलतः आम आदमी की आवाज को मुखर करने करने का कार्य करता है तथा वह जीवन से जुड़कर ही अपनी सही सार्थकता सिद्ध कर सकता है । ये विचार वरिष्ठ रंगकर्मी प्रदीप भटनागर ने व्यक्त किये ।

वे छठे रंग आनंद नाट्य समारोह के फ्लेक्स सहित अन्य सामग्री के विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे । नाट्य समारोह के मुख्य समन्वयक अभिषेक आचार्य ने बताया की 17 फरवरी से प्रारम्भ होने वाले इस पांच दिवसीय राज्य स्तरीय नाट्य समारोह में रंगकर्मियों के साथ आम दर्शक की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये व्यापक प्रयास किये जा रहे है । समारोह के प्रचारक वसीम राजा कमल ने बताया की शीघ्र ही प्रतिदिन मंचित होने वाले नाटकों की तिथिवार समय सारिणी जारी होगी ताकि दर्शक अधिकाधिक नाटकों का आनंद ले सकें । विमोचन कार्यक्रम मे रमेश शर्मा , सुरेश हिंदुस्तानी , दीपांशु पांडे , मुकेश राठौड़ , रामदयाल राजपुरोहित सहित अनेक रंग कर्मी उपस्थित थे ।