विरासत से हम है,विरासत नहीं तो हम नहीं- हिंगलाज रतनू
टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
विरासत से हम है, विरासत नहीं तो हम नहीं- हिंगलाज रतनू
विश्व विरासत दिवस पर इनटेक और रोटरी क्लब द्वारा एक दिवसीय संगोष्ठि में हुआ संवाद
बीकानेर 19 अप्रैल । विश्व विरासत दिवस के अवसर पर इनटेक बीकानेर चेप्टर और रोटरी क्लब सुप्रीम के संयुक्त तत्वावधान में एक संगोष्ठि व संवाद रोटरी क्लब सभागार में आयोजित किया गया। संगोष्ठि के समन्वयक और दोनों संस्थाओं के कन्वीनर पृथ्वीराज रतनू ने बताया कि कार्यक्रम समाजसेवी व रोटरी क्लब के पूर्व प्रांतपाल राजेश चूरा , कोषाध्यक्ष मनमोहन कल्याणी, कोलकाता से पधारे जनसम्पर्क अधिकारी हिंगलाज रतनु और रोटरी क्लब पूर्व प्रंातपाल माहेश्वरी की उास्थिति में हुआ। संयोजक श्री रतनू जी ने इनटेक के द्वारा धरोहर और संस्कृति के पुनरुथान के लिए किये जा रहे ठोस कार्यों की जानकारी दी। आपने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया की आज विश्व धरोहर दिवस पर यूनेस्को ने भारत के आध्यात्मिक ग्रन्थ गीता और भरत मुनि के नाट्य शास्त्र को विश्व धरोहर में शामिल कर लिया है जो भारतीय साहित्यिक सांस्कृतिक धरोहर को सही पहचान दिलवाने वाली बात है।

इसी क्रम में राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के पूर्व अधिकारी विश्नोई ने जाम्बोजी के लोक साहित्य जम्भ वाणी पर अपनी बात कहते हुए राजस्थानी लोक संस्कृति और विरासत को अध्यात्म से जोड़ा। उन्होंने कहा विरासत के संगरक्षण की बात अतीत से चलती हुई आ रही है। उन्होंने गुरु वाणियों के माध्यम से इस बात पर प्रकाश डाला। डॉ. मंजू ने कहा कि अलवर कीे मत्स्य की मीरा के भक्ति गीत पौराणिक होने के बाद आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा मत्स्य मीरा के भक्ति गीत आज हमारी विरासत है। श्रीमती सुधा आचार्य ने पौराणिक लोक गीतों के संरक्षण की बात की और कहा ये लुप्त होते जा रहे हैं। हमें इनके संरक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए। संस्कृति मंत्रालय के सीनियर फैलोव इनटेक के सदस्य डॉ. रीतेश व्यास ने जल संरक्षण एवम् प्रबंधन विषय पर अपनी बात रखते हुए वर्तमान समय में इनकी प्रासंगकिता पर जोर दिया। डॉ. व्यास ने बीकानेर में जल आपदा से निजात पाने के परम्परागत जल प्रबंधन के तरीकों की ओर सदन का ध्यान खींचा। उन्होंने कहा कि यदि जल प्रबंधन न किया तो तीसरा विश्व यूद्ध जल के लिए होगा।

राजस्थानी भाषा एवं साहित्य अकादमी के सचिव शरद केवलिया ने कहा कि विरासत के विषय पर अभी हमें शिक्षित होना है। शहर के सौन्दर्यकरण से पहले नगर वासियों को सौंदर्य की परिभाषा से अवगत करवाना होगा। इसी क्रम में जगदीश दान रतनु ने दासूड़ी के स्वामी कृष्णानेद सरस्वती द्वारा पर्यावरण के संरक्षण में किए गए योगदान पर प्रकाश डाला। डॉ. नमामि शंकर आचार्य ने बीकानेर की हवेलियों के क्षीण होने पर चिंता जाहिर की। डॉ. मोहम्मद फारुक चोहान ने भी बीकानेर के ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण और उसके ऐतिहासिक प्रमाणों और सौन्दर्य बोध को बचाने के हर संभव प्रयास करने की मंशा रखने की बात कही। एम एल जांगिड़ ने बीकानेर की विरासत के क्षरण पर गहरी चिंता जताई। ओ पी शर्मा ने कहा कि विरासत के संरक्षण में यदि कोई कानूनी अड़चन आती है तो हम उसका भी डटकर मुकाबला करेंगे।

इसी क्रम में चित्रकार योगेन्द्र पुरोहित ने कहा कि हमें एक ऐसी मुहिम चलानी चाहिए जिससे आम नागरिकों में विरासत को संरक्षित करने की चेतना जगे। पुरोहित ने कहा कि फ्रांस की एक संस्था अन्य देशों के कलाकारों को फ्रांस बुलाते हैं और उनसे कला शिविर के माध्यम से फ्रांस की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र बनवाकर उनके स्वरुप को कलाकृति के रूप में संरक्षित करवाते है। कुछ ऐसी ही प्रयोग हम बीकानेर में भी कर सकते है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हिंगलाज दान रतनू ने कहा कि मैं बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत को कलकत्ता में बचाये हुए हूं। आपने अपने विदेशी दौरों का जिक्र करते हुए कहा की विदेशी भी भारत इसलिए आते है क्योंकि वे यहाँ की विरासत के कायल है। उन्होंने बीकानेर की हवेलियों, मन्दिरों, कुओं और बावड़ियों को पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित करने पर जोर दिया।
रोटरी क्लब के प्रमुख राजेश चूरा ने कहा कि हमें आगामी मीटिंग में प्रशासन के साथ करनी होगी। साथ ही हमें धरातल पर जाकर कार्य करने की भी जरूरत है। अगर कही कोई प्रशासनिक अड़चन है तो हम सामाजिक स्तर पर उसे हल करेंगे, जिसमे सब का साथ अति आवशयक है। मनमोहन कल्याणी ने कहा की हवेली के संरक्षण के लिए मध्यस्तता की आवश्यकता है। निजी सम्पति होने के बावजूद भी हवेली बीकानेर की विरासत है ये हवेली के मालिक को समझनी होगी।
रोटरी क्लब के अध्यक्ष सुनिल सारडा ने आगामी मीटिंग में विरासत संरक्षण पर कोई सक्रिय कदम उठाने की बात कहते हुए भिन्न भिन्न प्रकार के आयोजन करने पर जोर दिया। अंत में रोटरी क्लब के पूर्व प्रांतपाल अनिल माहेश्वरी ने सबका आभार जताया।