टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर गंगा जमुनी संस्कृति की मिसाल पेश की । सेवा एकता समिति द्वारा ताजिया बनाने वाले कलाकारों का किया सम्मान
बीकानेर, 06 जुलाई। सेवा समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एन डी कादरी ने बताया कि बीकानेरी गंगा जमुनी संस्कृति की मिसाल आज एक बार देखने को मिली ताजिया बनाने वाले कलाकारों का समिति द्वारा सम्मानित किया गया जिसमें मौहल्ला चुनगरान में पर्यावरण संबंधित हरियाली ताजिया जो कि सरसों बनाया गया बहुत खूबसूरत लग रहा था के लिए हाफ़िज़ फ़रमान अली, मौहल्ला डिड्डू सिपाहियों में ईंट व प्लास्टिक पैरिस से बने ताजिया की खुबसूरती देखते ही बनती थी के कलाकार सरवर अली को सम्मानित किया गया इसी कड़ी में मौहल्ला उस्तो कि कलाकृति जो विश्व स्तर पर जानीं पहचानती जाती है उस्तादों द्वारा बेहतरीन तरीके की सुनहरी कलम की कला देखते ही बनती थी को भी सभी कलाकारों को माला शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

कादरी ने बताया कि मोहर्रम माह की नौ तारीख शनिवार की रात इस्लाम के पैगम्बर हजरत मुहम्मद मुस्तफा (स.व) साहब के नवासे इमाम हुसैन नकल ताजिये की याद में निकलें ताजिये करबला स्थित हजरत इमाम हुसैन के रोज़ा ए मुबारक के रूप में ताजिये निकालें गए
सेवा समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एन डी कादरी ने बताया कि अकीदतमंदों का जियारत करने का दौर पुरी रात चलता रहा। बीकानेर शहर के विभिन्न मौहल्लों में जियारत करने लिए लोगों की भीड़ का तांता लगा रहा सबसे ज्यादा ताजिये निकले वाले मौहल्ला चुनगरान जियारत करने वालो कि भीड़ का आलम भी देखते हीं बनता था जहां बीकानेरी गंगा जमुनी तहजीब इस बीकानेर शहर को छोटी कासी क्यों कहा जाता है कि मिसाल देखते हीं बनती जो पुरे देश में अपने आप में एक मुकाम रखता है। मौहल्ला चुनगरान में जहां सबसे ज्यादा ताजिये बनाए जाते हैं वहां के ताजिया पर कलाकारों द्वारा विभिन्न तरह की कला पेश की गई को देख कर लोगों की नजर हट ही नहीं रही थी वहीं इसी मौहल्ला चुनगरान में हाफ़िज़ फ़रमान अली का हरियाली सरसों के ताजिया लोगों के लिए आकर्षक का केंद्र बना हुआ था
मौहल्ला उस्तो के ताजिया पर मुगलिया कला भी लोगों को मन भा गई, मौहल्ला डिडू सिपाइयान में ईंट व मिट्टी से बना ताजिया भी हमेशा की तरह आकर्षित कर रहा था वहीं मौहल्ला धोबी तलाई, व्यापरीयान, बड़ा बाजार में मौहल्ला पिंजरों, सितलागेट स्थिति दमामियान मौहल्ले में ताजिये आकर्षक का केंद्र बने रहे, मौहल्ला भिस्तियान महावतों का ताजिया सहित मोहल्ला कुचीलपुरा का ताजिया भी शानदार कला को भी लोगों ने बारीकी से निहारा व इनके कलाकारों द्वारा बनाए कला की सराहनीय काम बताया।
लगभग शहर के सभी मौहल्लों में सबिल हलीम व खीर की जगह जगह व्यवस्था की थी जहां लोगों ने सिरनी (प्रसाद) के रूप में ग्रहण किया यहां भी सभी समुदायों की एकता दिखाई दे रही थी
सम्मानित करने वालों में संतोषा नंद महाराज, शास्त्री गायत्री प्रसाद, सुनील दत्त नागल, एन डी कादरी, ई. कमल कांत सोनी, भवानी आचार्य मोहम्मद हक कादरी आदि लोग मौजूद रहे।