बीकानेर, 09 मार्च । संगीत मनीषी डा. मुरारी शर्मा की तृतीय पुण्यतिथि पर श्री संगीत भारती परिसर में आयोजित स्वरांजलि कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत और भक्ति रचनाओं ने भावविभोर कर दिया । कार्यक्रम में डॉ. शर्मा के संगीत अवदान पर चर्चा की गई । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता वरिष्ठ लेखक अशफाक कादरी ने कहा कि डा.मुरारी शर्मा संगीत जगत के बहुआयामी विद्वान थे, जिन्होंने संगीत की सभी विधाओं में शिक्षण, प्रशिक्षण, शोध, लेखन एवं प्रस्तुतिकरण कर नई प्रतिभाओं को आगे बढ़ाया । कार्यक्रम संयोजक कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि बीकानेर में शास्त्रीय एवं लोकसंगीत कार्यक्रमों का संगम डा.मुरारी शर्मा के बहुआयामी अनुष्ठान रहे । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ.अजीज अहमद सुलेमानी ने कहा कि डॉ. शर्मा ने अपना जीवन संगीत को समर्पित किया । कार्यक्रम अध्यक्ष एन. डी. रंगा ने कहा कि डॉ. शर्मा ने संगीत के माध्यम से मानवता की सेवा की । विशिष्ठ अतिथि राजेंद्र जोशी ने कहा कि डॉ. मुरारी शर्मा ने स्वरों के साथ शब्दो से भारतीय संगीत को अभिव्यक्त किया ।
विशिष्ठ अतिथि डॉ. अजय जोशी ने कहा की डॉ. शर्मा संगीत के विश्वविद्यालय थे । सखा संगम के चंद्रशेखर जोशी, शायर डा. नासिर ज़ैदी, आर.के. शर्मा, कामिनी भोजक, नितिन वत्सस, जुगल किशोर जोशी, उत्तम कुमार शर्मा, ऋषिकुमार अग्रवाल, संगीत भारती के निदेशक कनय शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहनलाल मारू, के संगीतज्ञ अहमद बशीर सिसोदिया, चंद्रशेखर सांवरिया ने श्रध्दा सुमन अर्पित किए । प्राचार्य डॉ.कल्पना शर्मा, लोक गायिका श्रीमती राजकुमारी मारू, फिल्मकार मंजूर अली चंदवानी, दीपा पंत (उदयपुर) ने विभिन्न माध्यमों से श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर आयोजित स्वरांजलि कार्यक्रम में शास्त्रीय गायक गौरीशंकर सोनी ने राग जेतसी पूर्वी थाट में रचना “तरसन लागी अंखियां मोरी” प्रस्तुत कर भाव विभोर कर दिया । कार्यक्रम में मोनिका प्रजापत ने वंदना “वीणा पाणी नमो नम:”, ज्ञानेश्वर सोनी ने “गुरु वन्दना”, डॉ. चंद्रशेखर सांवरिया ने भजन “बीत गए दिन भजन बिना”, संगीता सैनी ने “शबद”,राकेश बिस्सा ने मांड गीत “मूमल”, जयश्री तरफदार, नितिन तिवारी ने भावभीनी स्वरंजलि अर्पित की । तबला संगत अहमद बशीर सिसोदिया, शुभाशीष तरफदार, ललित रतावा ने की । वरिष्ठ संगीतज्ञ अहमद बशीर सिसोदिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।