बीकानेर, 18 मार्च । प्यार-मोहब्बत का प्रतीक होली के पर्व की मस्ती दो दिनों तक शहर वासियों पर छायी रही। धुलण्डी के दिन शहर में जमकर होली-गुलाल बरसे, जिससे चहुंओर वातावरण में रंगबिरंगी फिजां फैल गयी। शहर के भीतरी भागों के अलावा कॉलोनियों व अनेक मौहल्लों में हर आयु वर्ग के लोगों ने जमकर धमाल मचाया। कहीं डीजे की धुनों पर तो कहीं चंग की थाप पर झूमते हुए होली के रसियों ने खूब लुत्फ उठाया। धूलण्डी के दिन मुख्य आकर्षण तणी तोडऩे का कार्यक्रम रहा। अलसुबह से ही लोग रंग-गुलाल लेकर घरों से निकल पड़े। अपने परिचितों-मित्रों के जमकर रंग-गुलाल लगाया। मस्ती से सरोबार लोग एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में घूमते रहे, जिसकी वजह से दम्माणी चौक, बिस्सों का चौक, हर्षों का चौक, रत्ताणी व्यासों का चौक, बारहगुवाड़, नत्थूसर गेट, साले की होली आदि क्षेत्रों में दो दिनों तक रौनक रही। लोगों के चेहरे इस तरह से पुते हुए थे कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो रहा था। ओझा-छंगाणियों की गेवर जुगलकिशोर ओझा उर्फ पुजारी बाबा के नेतृत्व में निकली।
दोपहर में तणी तोड़ समिति के तत्वावधान में तणी तोडऩे का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ नत्थूसर गेट पर जमा हो गयी। रंग बिरंगे रंगों से सरोबार लोगों की उपस्थिति से माहौल अलग ही बन रहा था। ज्ञात रहे कि तणी तोडऩे का कार्यक्रम पुष्करणा समाज की विभिन्न जातियों द्वारा सामूहिक रूप से संपन्न करवाया जाता है। कार्यक्रम में जोशी जाति के व्यक्ति द्वारा तणी काटी जाती है वहीं जोशी को कंधा किराडू जाति द्वारा प्रदान किया जाता है। वहीं सूरदासाणी पुरोहित जाति द्वारा तिलक लगाया जाता है। तणी कटने के साथ ही लोगों ने जमकर गुलाल उछाली, जिससे समूचा वातावरण सतरंगी हो गया। नत्थूसर गेट का मैदान रंग बिरंगी गुलालों से अट गया। होली के मौके पर खुशियों से सरोबार लोगों ने एक दूसरे पर रंग-गुलाल उछाला, जिसके कारण अनेक सड़के-गलियां रंगीन हो गयी।