बीकानेर, 04 मार्च। पिछले महीने की 17 मार्च 2022 को सूरतगढ क्षेत्र की रोही में पाया गया घायल अवस्था में यह बालक जिसकी उम्र 7 वर्ष जिसे सूरतगढ पुलिस द्वारा पहले सूरतगढ फिर श्रीगंगानगर और फिर बीकानेर के पी बी एम अस्पताल इलाज हेतु लाया गया थ। इसे गम्भीर अवस्था में पी बी एम अस्पताल के ट्रोमा सेन्टर में ईलाज हेतु भर्ती कर लिया गया था।
दिनांक 18 मार्च 2022 को दोपहर में इस बालक के ईलाज हेतु ऑपरेशन करनें हेतु ई ओ टी लेजाकर ईलाज करनें के बाद इसे आई सी यू में शिफ्ट कर दिया गया । इसके दो दिन बाद बाद पूरा ऑपरेशन कर दिया गया ।
भर्ती के दौरान बच्चे की दिन-रात सम्पूर्ण देखभाल असहाय सेवा संस्थान के सेवादारों नें की इनके साथ चाईल्ड लाईन के सेवादारों का भी सहयोग मिला ।
असहाय सेवा संस्थान के सेवादार – राजकुमार खड़गावत, ताहिर हुसैन, त्रिलोक सिंह, अशोक कुमार, रमजान, मो0 जुनैद, अब्दुल सतार, इरफान,भरत, रामा,गोविन्द,सोएब आदि का सहयोग रहा।
सहयोगी चाईल्ड लाईन-चैनाराम , ललिता , ज्योति , ताला राम, भवानी ,तोलाराम ओर सूरतगढ थाने से -बलजीत सिंह, सुखमन्द्र सिंह, देवीलाल , कनीराम , धर्मेन्द्र , मोटाराम का सहयोग रहा ।
बच्चे के ईलाज में पी बी एम अस्पताल के अनगिनत डॉक्टर्स, नर्सिंग आदि स्टॉफ का बेहद सहयोग रहा । सभी नें बच्चे के ईलाज का विशेष घ्यान रखा । संस्थान के सेवादार इन सभी को साधुवाद देने के साथ नमन करते है ।
असहाय सेवा संस्थान के सेवादार की होली का पर्व अस्पताल के आई सी यू में गुजरा ।
पूरे 15 दिन असहाय सेवा संस्थान के सेवादार दिन और रात एक करके बच्चे की बेहतर तरीके से देखभाल की । उपरवाले के आशीर्वाद से बच्चे की जान बच गयी और बच्चे को दूसरा जन्म मिला । संयोग से जिस दिन उसका जन्म दिन आता है उसी दिन इस बच्चे की आवाज सुनाई दी । यह कह सकते है कि जन्मदिन वाले दिन ही इस बच्चे का ठीक हुआ है ।
दिनांक 31.03.2022 को अस्पताल से बच्चे को छूट्टी दे दी गयी है। बच्चा पूरी तरह से साफ बोल पा रहा है और स्वस्थ हो गया है ।
बच्चे के भर्ती के दौरान एक अन्य परिवार इसकी पहचान अपनें पोते व बेेटे मनजोत नाम से की थी। ओर पहचान करनें दादी,पिता,भुवा,फंुफा,भांजा, दो भाई आदि नें भी अपना परिवार बताया था और लगभग एक सप्ताह तक इस परिवार के सदस्य अस्पताल में ही रह रहे थे। जब असलियत मालूम चली तब वापिस अपनें घर चले गये । क्योंकि इस परिवार को भी अपनी बहू व बेटा मनजोत हनुमानगढ पुलिस द्वारा मिल गये थे ।
अस्पताल से छुट्टी होनें के बाद असहाय सेवा संस्थान के सेवादार पुलिस की निगरानी में एम्बुलेंस द्वारा सूरतगढ थाने में बच्चे को सुरक्षित छोडकर आये । बच्चे के परिजन मिल गये है । और बच्चे को मारनें वाले मुलजिमों का पता भी चल गया है । 15 दिन के अन्दर बच्चे के ईलाज के साथ-साथ परिजनों को मिलना और मुजरिमों का पता चल जाना भी संयोग कहा जा सकता है ।
इस पूरे घटनाक्रम में असहाय सेवा संस्थान के सेवादारों ने अस्पताल व पुलिस प्रशासन का हरसंभव पूरा सहयोग किया। असहाय सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने की सेवा।