‘डॉ. बी. आर. अम्बेडकर- व्यक्तित्व व कृतित्व’ विषयक संगोष्ठी आयोजित
बीकानेर, 12 अप्रेल। डॉ. बी. आर. अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में व आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मौलाना आजाद मिल्ली शिक्षण संस्थान व राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को ताज पैराडाइज सभागार, सुभाष मार्ग में ‘डॉ. बी. आर. अम्बेडकर- व्यक्तित्व व कृतित्व’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद ने कहा कि भारत रत्न डॉ. अम्बेडकर एक ऐसे युगपुरुष थे, जिनका जीवन राष्ट्रहित के लिए समर्पित था। उन्होंने जातिप्रथा से मुक्त व आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ भारत का सपना देखा था। भारतीय संविधान का विश्व की विधिक संहिताओं में अनूठा स्थान है व संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. अम्बेडकर के कठोर परिश्रम के कारण ही यह संभव हो सका।
अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने अत्यंत विषम परिस्थितियों के बावजूद उच्च शिक्षा ग्रहण की और वे कानून, समाज शास्त्र, इतिहास, विश्व के संविधानों, न्याय शास्त्र, मानव शास्त्र के आधिकारिक विद्वान थे। उन्होंने महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य किया।
समाजसेवी राहुल जादूसंगत ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने पिछड़ों-शोषितों के उत्थान के लिए अनुकरणीय कार्य किया। आवश्यकता इस बात की है कि हम बाबा साहेब द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलने का संकल्प लें व उनके विराट व्यक्तित्व-कृतित्व से प्रेरणा लेकर देशहित में हरसंभव योगदान दें। संस्थान के सचिव व एम. डी. डिग्री महाविद्यालय, बज्जू केे प्राचार्य डॉ. मिर्जा हैदर बेग ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर शिक्षा, चरित्र व मानवता को अत्यधिक महत्त्व देते थे। उन्होंने विदेशों में उच्च शिक्षा हासिल की थी और वे अनेक भाषाओं के जानकार थे। सैयद रईस अली ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने सामाजिक कुरीतियों का विरोध किया व सामाजिक-आर्थिक विषमताओं को दूर करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया।