बीकानेर, 14 अप्रेल। ’’जियो और जीने दो’’ का संदेश देने वाले भगवान महावीर की जयंती पर गुरुवार को श्रद्धाभाव व उत्साह से मनाई गई। भव्य शोभायात्रा निकली, भगवान महावीर के मंदिरों में पूजा, पक्षाल, विशेष अंगी व मंत्र जाप, सामूहिक एकासना, आयम्बिल सहित विविध जप-जप के आयोजन हुए। जैन महासभा के तत्वावधान में सकल जैन समाज के सहयोग से गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर में धर्मसभा आयोजित की गई।
दिगम्बर जैन नसियाजी व भीनासर की जवाहर विद्यापीठ से निकली दो शोभायात्राएं बड़ा बाजार घूम चक्कर के पास एक होकर भव्य रूप् में हो गई। गाजे बाजे से निकली शोभायात्रा में विभिन्न शिक्षण संस्थाओं व सामाजिक संगठनों की 41 सचेतन झांकियों में भगवान महावीर के जीवन आदर्शों के साथ जैन घर्म की विशिष्टताओं, भगवान महावीर के संदेशों को दर्शाया गया। झांकियों में शामिल प्रतिभागियों को 4100-4100 रुपए का नकद पुरस्कार जैन महासभा के अध्यक्ष लूणकरण छाजेड, महामंत्री सुरेन्द्र जैन बद्धाणी, पूर्व अध्यक्ष चंपक मल सुराणा, भामाशाह व उद्योगपति बसंत नवलखा आदि ने दिए।
नवलखा ने समारोह में कविता प्रस्तुत करने वाले नन्हें बालक मनन नाहटा को 500 रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया।
शोभायात्रा में शामिल श्रावक-श्राविकाएं भगवान महावीर के संदेशों का जयकारा लगा रहे थे। मार्ग में श्रावक श्राविकाओं का जगह जगह स्वागत व सत्कार किया गया। अनेक स्थानों पर स्वागत के बैनर व ’’अहिंसा परमो धर्मः’’ व ’’परस्परोपग्रहो जीवानाम््’’ व स्वास्तिक आदि युक्त जैन धर्म का प्रतीक चिन्ह अंकित पंचरंगी जैन ध्वज लगाया गया। शोभायात्रा में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने विभिन्न स्वरूप धारण किए। जैन महासभा के तत्वावधान में आयोजित समारोह व शोभायात्रा में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ, खरतरगच्छ, पाश्र्वचन्द्र, तपागच्छ, साधुमार्गी जैन संघ, श्री अरिहंत जैन संघ, दिगम्बर जैन संघ, जैन यूथ क्लब सहित विभिन्न धार्मिक, शैक्षणिक व सामाजिक संगठनों का अनुकरणीय योगदान रहा।
धर्मसभा में अरिहंतमार्गी संघ के आचार्यश्री ज्ञानचंदजी म.सा. ने कहा कि भगवान महावीर के आदर्शों को अंगीकार करें तथा जैन धर्म के 40 सम्प्रदायों का भगवान महावीर के सिद्धान्तों व आदर्शों का एक अखंड संगठन बनाकर जैन धर्म को जन धर्म बनाने का प्रयास करें। दूसरों के गुण व अपने दुर्गुणों को देखें तथा ़एक नियम बनाकर अपने में व्याप्त बुराई व कमियों को दूर करें । सुगुरु, सुदेव व सुधर्म, अहिंसा परमो धर्म, जियो और जीने दो आदि संदेशों को स्वयं अंगीकार करें तथा दूसरों को भी सच्चा जैनी बनने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने भू्रण हत्या,गर्भपात, अभक्ष्य सामग्री का उपयोग नहीं करने तथा सभी जैन साधु-साध्वियों और श्रावक-श्राविकाओं का सम्मान करने का संदेश दिया।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथ के अमृत मुनि म.सा. ने प्रवचन में कहा कि भगवान महावीर सहित सभी 24 तीर्थंकर त्रिकालदर्शी थे। तीर्थंकरों ने सैकड़ों वर्ष पूर्व जो नियम व सिद्धान्त दिए वे युगों-युगों तक प्रासंगिक रहेंगे। भगवान महावीर के एक संदेश को भी जीवन में अंगीकार करने से भव बदल सकता है। उन्होंने कहा कि रात्रि भोजन, अभक्ष्य भोजन का त्याग करंे, अणुव्रत यानि छोटे-छोटे नियमों के माध्यम से अपने में व्याप्त कमियों को दूर करें।
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की प्रवर्तिनी, सज्जनमणि वरिष्ठ साध्वीश्री शशि प्रभा म.सा. ने कहा कि संसार के सभी धर्मों भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा, अनेकांतवाद व अपरिग्रह उपदेश व सिद्धान्त वैज्ञानिक है । जीव मात्र के कल्याण के लिए है। जीवों के परिभ्रमण से मुक्ति दिलाकर मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर करने वाले है। उन्होंने कहा कि शारीरिक व मानसिक विनाश के दौर में भगवान महावीर के बताएं मार्ग पर चले तथा दूसरों को भी प्रेरित करें। कर्म बंधन में सावधान रहे । समारोह में उपशमन मुनि, जैन महासभा के पूर्व अध्यक्ष चंपकमल सुराणा, अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़, महामंत्री जैन सुरेन्द्र बद्धाणी, सह मंत्री जतन संचेती ने महासभा की गतिविधियों, भगवान महावीर जयंती के आयोजन के महत्व को उजागर किया। वरिष्ठ गायक मगन कोचर ने जैन धर्म की विशिष्टताओं का गीत प्रस्तुत किया।
मंदिरों में पूजा, अंगी व शांति स्नात्र पाठ
भगवान महावीर की जयंती पर गुरुवार को वैदों के महावीरजी मंदिर, रांगड़ी चैक की बोहरों की सेहरी के मंदिर, दिगम्बर जैन नसियाजी, डागों के मोहल्ले के महावीरजी मंदिर व मथैरणों के चैक के भगवान महावीर स्वामी मंदिर में पूजा व प्रक्षाल सहित विविध धार्मिक आयोजन हुए। अनेक श्रावक श्राविकाओं ने उपवास, एकासना, आयम्बिल व अन्य तपस्याएं की तथा ’’नवंकार महामंत्र’’ का जाप किया। वैदों ंके चैक के भगवान महावीरजी के मंदिर में भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक दिवस पर सुबह सामूहिक भक्तामर पाठ, पक्षाल, चंदन पूजा, शांति स्नात्र एवं शांति कलश स्थापना के आयोजन हुए। श्री जैन श्वेताम्बर महावीर स्वामी जी मंदिर (बैदों के महावीरजी) ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार बैद, सचिव भूपेन्द्र बैद व कोषाध्यक्ष विजयचंद बैद ने ध्वजा रोहण किया। मंदिर में दोपहर को महावीर स्वामी की संगीतमय पंच कल्याणक पूजा,शाम को 108 दीपक की आरती व उसके बाद भक्ति संगीत संध्या का आयोजन हुआ। दिगम्बर जैन नसियाजी में चार पांच दशक पूर्व बीकानेर में महावीर जयंती पर शोभायात्रा निकालने वाले स्वर्गीय डाॅ.ज्ञान प्रकाश जैन को याद किया गया तथा परम्परानुसार स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। नसिया जी के मंदिर में दिगम्बर जैन परम्परानुसार पूजा व पक्षाल की गई।